पश्चिमी कोसोवो में अपने गांव की मस्जिद में इमाम रहे द्रिलोन गाशी को क्रमिक विकास के सिद्धांत में बहुत रुचि है. मस्जिद में इमामत के अलावा जब भी उन्हें समय मिलता था वे सोशल मीडिया पर इस बारे में अपने ख्यालात का इजहार करते थे. लेकिन इस्लाम और डार्विनवाद को एक साथ लेकर चलने के कारण उन्हें अपनी नौकरी गंवानी पड़ी. पिछले महीने उन्हें बेआबरू कर इमाम के पद से हटा दिया गया.
गाशी कहते हैं कि इस्लाम और विज्ञान एक साथ चल सकते हैं. उनका सिद्धांत है,"जीवित प्राणी क्रमिक विकास की प्रक्रिया में पैदा हुए हैं. लेकिन इस क्रमिक विकास का नेतृत्व ईश्वर करता है. सभी प्राकृतिक चीजों को अल्लाह ने बनाया है लेकिन विज्ञान उन्हें हमारे सामने पेश करता है." कोसोवो को उदारवादी इस्लाम के रास्ते पर चलने वाला इलाका माना जाता है. ऐसे में, अगर कोई वहां क्रमिक विकास के सिद्धांत को मानता है, तो इसमें कोई अनोखी बात नहीं है.
सर्बिया के साथ 1998-99 में आजादी की जंग के बाद खाड़ी देशों से कोसोवो में बहुत पैसा आया जिससे सैकड़ों मस्जिदें बनाई गईं और नई धार्मिक शिक्षाओं का प्रचार प्रसार हुआ. स्कॉलरशिप देकर इमामों को सऊदी अरब और मिस्र जैसे देशों में पढ़ने भेजा गया.
Kyo majak kar rahe ho
इस न्यूज़ को वॉट्सएप्प पर कैसे शेयर करे
No,see science category
To say that science does not have any place in Islam or that Islam religion and science cannot go hand in hand is beyond thinking, but Islam gave the fathers of many science branches. Even religion does not follow this rule but science accepts it
Nhi...once when Muhammad was in Mecca, the pagans asked him to display a miracle as a proof of his prophethood. It was night time, and Muhammad prayed to God. The moon split into two.. ProphetofCompassion
इंडिया ताज़ा खबर, इंडिया मुख्य बातें
Similar News:आप इससे मिलती-जुलती खबरें भी पढ़ सकते हैं जिन्हें हमने अन्य समाचार स्रोतों से एकत्र किया है।
स्रोत: Jansatta - 🏆 4. / 63 और पढो »
स्रोत: Dainik Bhaskar - 🏆 19. / 51 और पढो »
स्रोत: AajTak - 🏆 5. / 63 और पढो »
स्रोत: AajTak - 🏆 5. / 63 और पढो »
स्रोत: Amar Ujala - 🏆 12. / 51 और पढो »
स्रोत: News18 India - 🏆 21. / 51 और पढो »