कटाक्ष, व्यंग या ताना एक अहम भाव है जो इंसान के चेहरे से अक्सर झलकता है. अभी तक एआई तकनीक के चेहरे की पहचान करने वाली तकनीकें या उपकरणो की खूब चर्चा रही है. लेकिन चेहरे के भावों की पहचान करने के वाली तकनीक का जिक्र नहीं होता था. हाल ही में हुए नए शोध में वैज्ञानिकों ने इस दिशा में भी एक कदम आगे बढ़ा दिया है. अब वैज्ञानिकों ने एक सरकाज्म डिटेक्टर यानी चेहरे के व्यंग्य, कटाक्ष या ताना मारने वाले भाव की पहचान करने वाला उपकरण बना लिया है, जो वास्तव में काम करता है.
यह एआई की एक बड़ी सफलता के तौर पर देखा जा रहा है. उनका कंप्यूटर एल्गोरिदम वक्ता की पिच, बात करने की दर और “ऊर्जा” को रिकॉर्ड करता है. यह इंसान के बोले गए हिस्से को एक पाठ में बदलता है और उसका विश्लेषण करता है. इस पाठ के हर हिस्से के अर्थ को तय किया जाता है और इस के लिए उसे एक इमोटिकॉन दिया जाता है. डिटेक्टर का आविष्कार ग्रोनिंगन विश्वविद्यालय में स्पीच टेक्नोलॉजी लैब में किया गया है. डच टीम अब इसे और बेहतर बनाने के तरीकों की तलाश कर रही है.
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