जयपुर से पहुंचे सरकारी अधिकारियों की मानें तो पक्षियों का विसेरा जांच के लिए भेज दिया गया है. जांच रिपोर्ट आने के बाद ही पक्षियों की मौत के कारण का खुलासा हो पाएगा.स्थानीय लोगों ने कहा कि यहां करीब 5 से 8 हजार पक्षियों की मौत हुई है, जबकि स्थानीय प्रशासन ने कहा कि करीब 1,500 पक्षियों की मौत हुई है. स्थानीय लोगों ने कहा कि उन्होंने ऐसा नजारा आजतक नहीं देखा. स्थानीय पक्षी प्रेमी अभिनव वैष्णव ने कहा कि वह रोज पक्षियों को देखने आता है. लेकिन आजतक कभी इस तरह वाकया उसके सामने नहीं आया.
25 वर्षीय अभिनव वैष्णव ने बताया कि हर रोज की तरह जब वह झील पर पहुंचा तो उसने देखा कि झील में चारों तरफ कुछ उभरी हुई चीजें तैर रही हैं. फिर मैंने अपने दो दोस्तों किशन मीणा और पवन मोदी को बुलाया. इसके बाद जब हम तीनों ने जांच की तो पता चला कि सांभर झील के चारों तरफ पक्षी मरे पड़े हैं.अभिनव ने बताया कि मरने वाले पक्षियों में हिमालय, साइबेरिया, नॉर्थ एशिया समेत कई देशों से आने वाले प्रवासी पक्षी भी शामिल हैं.
भूमंडलीय प्रदूषण 🌎🌎
It means either water was polluted with toxic wastes or some infection diseases causing mortality.
ਕਾਰਣ ਸਿਵਾਏ ਇਨਸਾਨ ਤੋਂ ਹੋਰ ਕੁੱਝ ਵੀ ਨਹੀਂ
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