ये कहानी सिर्फ़ सर गंगाराम अस्पताल की ही नहीं है. दिल्ली के बत्रा अस्पताल, सरोज अस्पताल, मूलचंद अस्पतला, पेंटामेड अस्पताल सभी ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहे हैं.
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक़ कोविड महामारी से भारत में मरने वालों की संख्या दो लाख के नज़दीक पहुँच रही है. अस्पताल में अभी 500 से ज़्यादा कोविड मरीज़ हैं और 100 से ज़्यादा आईसीयू में हैं और ऑक्सीजन की दैनिक माँग 10,000 क्यूबिक मीटर है जो कि आम दिनों से साढ़े चार गुना ज़्यादा है.डॉक्टर राणा कहते हैं, "फिर भी हम किसी न किसी तरह गुज़ारा करते हैं. हमने अभी तक किसी को ऑक्सीजन से वंचित नहीं रहने दिया."
"ज़रूरी है दिल्ली सरकार बताए कि उनके पास कितनी ऑक्सीजन है, आप कितनी दे सकते हैं, या तो अस्पताल की बेड स्ट्रेन्थ कम कर दी जाए, या तो हमें बता दिया जाए कि दो-दो, तीन-तीन घंटे बाद हमें ऑक्सीजन मिलती रहेगी, ताकि हमें टेलीफ़ोन न करना पड़े. ये सिस्टम क्यों नहीं बन पा रहा है.""लिमिटेड सप्लाई में जो ऑक्सीजन आ रही है उसे बांटने का तरीक़ा निकालना चाहिए. लगता है कि इनके पास ऑक्सीजन है ही नहीं. थोड़ी-थोड़ी इधर उधर देते रहते हैं चरणामृत की तरह.
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