ये महात्मा गांधी ही कर सकते थे. कांग्रेस का अध्यक्ष कौन बनेगा, ये फ़ैसला एक ऐसा आदमी कर रहा था जो 12 साल पहले ही कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफ़ा दे चुका था लेकिन कांग्रेसियों के लिए ये बड़ी बात नहीं थी क्योंकि साल 1929, 1936, 1939 के बाद ये चौथा मौका था जब पटेल ने गाँधीजी के कहने पर अध्यक्ष पद से अपना नामांकन वापस लिया था. सब हक्का-बक्का रह गए.
उनसे जब पत्रकार दुर्गादास ने ये सवाल पूछा तो 'गांधी ने माना कि बतौर कांग्रेस अध्यक्ष पटेल एक बेहतर 'नेगोशिएटर' और 'ऑर्गनाइज़र' हो सकते हैं. लेकिन उन्हें लगता है कि नेहरू को सरकार का नेतृत्व करना चाहिए.'' गांधी के इस प्रेस इंटरव्यू से दो बातें निकल कर आईं. एक ये कि नेहरू नम्बर-2 नहीं होना चाहते थे जबकि गांधी को भरोसा था कि पटेल को नम्बर-2 होने में कोई एतराज़ नहीं होगा और वाकई ऐसा ही हुआ क्योंकि पटेल मुंह फुलाने की बजाए एक हफ्ते के अंदर फिर न केवल सामान्य हो गए बल्कि हंसी-मज़ाक करने लगे.
उससे भी गंभीर सवाल, जब एवीएम रिग ही करना था तो वोट क्यों कराया सत्य के पुजारी का ढोंग करने वाले ने देश को क्यों नहीं बताया कि नेहरू को एक भी वोट न मिलने पर भी मैंने प्रधानमंत्री बना दिया है।
अंग्रेजों को अपने श्रेष्ठ गुलाम को भारत की सत्ता सौपनी थी, इसलिए गांधी ने नेहरू को चुना, पटेल 1947 की तमाम विसंगतियों को दूर कर सकते थे जबकि नेहरू ने उन समस्याओं को बनाये रखा, नेहरू के कारण भारत विभाजन के बावजूद भी उन्ही समस्याओं से जूझ रहा है जो 1947 में थी।
Kyonki gandi murkh tha...
गाँधी की सोच गलत थी हैऔर रहेगा
जनता भी नेहरू के कार्यों को ज्यादा पसंद करते थी, आज की तरह झूठ का प्रचार करने के लिये IT Cell तो थी नहीं कि सच को दबाया जा सके। नेहरू के चाहने वालों के देखते हुये पटेल के चाहने वाले 25 % भी नहीं थे। पटेल को प्रधानमंत्री बनाने वाली बात बड़ी अटपटी सी लगती है।
Is desh ka sabse bada jhut ye hai ki charkhe se hame ajadi mili, congress ne sabhi dalalo ko bhagwan bana diya or desh k liye balidan dene walo ko bhula diya
यह चैनल दंगे भड़काने वाला लगता है फर्जी मीडिया दलाल मीडिया कुछ अच्छी खबर भी दिखाएगा ना उल्टी-सीधी खबर दिखाना जरूरी है
दोनों हाशमी दवाखाना में ही इलजा करवाते थे..एक दिन जिन्ना ने इंजेक्सन लगा दिया दोनो कमजोर हो गए..
Asa aja ho rahi hai politics me
गांधी ने अपनी मूर्खता से राष्ट्रहित को प्रभावित किया
गांधी जी ने नेहरू जी को प्रधान मंत्री क्यो बनाया ये गांधी जी ही बता सकते है लेकिन मोदी जी ने प्रधान मंत्री बनने के लिए बेरोजगारों को झूठ क्यों बोला ये मोदी जी को बताना चाहिए।☺️
Ghandhi ji nehru ji sardar patel congress kay top leaders free the country from british rule after long bettal of non violence salute coti coti naman
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मैं जब-जब सरदार पटेल को याद करता हूँ तो एक बात सबसे पहले उभर कर आती है पटेल का डंडा और गोलवरकर का पिछवाड़ा तिरंगा और संविधान में आस्था जगा गया। इसलिए लोह एवं रक्त की नीति का श्रीगणेश करने वाले पटेल जी को शत-शत लाखों-करोड़ो बार नमन।
भारतीय लोकतंत्र इतिहास की ये बेहद दु:खती नस है जिसे आपने उठा के दिखाया है। दशकों पहले भी और आज भी तमाम गाँव देहात तक के अनपढ़ बुजुर्ग भी पटेल जी को प्रधानमंत्री रूप में चाहते थे। ये उनकी कसक, टीस जनमानस में आज भी मौजूद है, भले ही वे नेहरू, गाँधी की जय 15 अगस्त को कर देते हैं।🤔
Abhi bhi wakt hai galti dohraana mat....voting right is in your hand
गांधी अंग्रेजो का भड़वा था।
मतलब देश की बुराई की जड़ गांधी हैं।
What is wrong with people man, Nehru was appointed PM by Gandhi ji, seriously? Or it was his leadership and the cognizance of INC who made the decision? And Patel ji accepted it with open heart, no objections attached. Ya fir sab k sab Kangna Ranawat k fan ho gae ho
क्यों कि ब्रिटिश यही चाहते थे
क्यो की गांधी और नेहरू दोनों अंग्रेजो के दलाल थे।
इतिहास फिर दोहराएगा एक दिन वो कौम फिर से अपने लिए एक और देश की मांग करेगी और इंसानियत की हत्या करेगी, वो कौम ही जाहिल है उसे धर्म के अलावा कभी कुछ नहीं दिखा
अगर तब PM सरदार वल्लभ भाई पटेल होते तो आज मेरा देश भारत दुनिया में सब से मजबूत देश होता।। हमारी बदकिस्मती ।।
तभी तो आजतक स्वार्थी लोगो के कर्मो की सजा भोग रहे
शायद उस वक़्त पटेल जैसे शशक्त नेतृत्व की ही आवश्यकता थी, पड़ने के बाद जो निजी तौर पर समझ आया। लेकिन गांधी का नेहरू प्रेम आड़े आ गया जो शायद आज हर भाजपाई को अखरता है।
BBC का यह सवाल व ट्वीटर पर लेख ही बकवास है गांधी व नेहरू के की गलतियों को आज 2020 मे भी भुगत रहा है एकदम 1946-47 जैसा माहौल महसूस हो रहा है मजहब के नाम पर बटवारा होने के बावजूद आज फिर उसी दौराहे पर खड़े हों गये 😢😢
DNA problem
सरदार पटेल की मुस्लिम लीग के प्रति कटुता और जिन्ना नेहरू की प्रतिद्वंदिता ने बंटवारे को जन्म दिया।
desh kii kabr khodne ke liye...
Nehru was British choice. Manu bain was Gandhis.
इस देश का दुर्भाग्य है कि जो इस देश के होनहार थे उनको तो मौत के मुंह में सुला दिया गया और जो निकम्मे तो उन्हें प्रधानमंत्री बना दिया गया नेहरू गांधी का चट्टा बट्टा था उनका पिछलगु वह अंग्रेजों का चमचा इसलिए उस को प्रधानमंत्री बना दिया गया जिसका आज भी हम खामियाजा भुगत रहे हैं।
अंतराष्ट्रीय और देशी मामले जैसे कश्मीर और चीन, बंग्लादेश और अमेरिका ,गुटनिरपेक्षता पर तो चूक ही गये गांधीजी की आत्मा भी सोच रही होगी गलत हुआ ।
🤣🤣🤣
अंग्रेज के लिए सबसे उपयुक्त थे ?
Ab kya fayda y sub news ka agenda banana jo ho gya so ho sya so be Proactive not Reactive Be Positive
क्यूंकि बुधी भ्रष्ट हो गई थी........ इसलिए भ्रष्ट हाथों में देश सौंप दिया, इसको आज तक देश वासी झेल रहे हैं.......
अब पड़ कर क्या हासिल?उसवक़्त तुम्हारेबाप भी भारत के टुकड़े ही चाहतेथे।अगर जिन्ना पूरे भारत का प्रधानमंत्री एकबार बनही जाता तो यहकटुये क्या उखाड़लेते।हमतो शुरूसे मेजारिटी मे थे कुछ वक़्त के बाद दूसरा प्रधानमंत्री बनता लेकिन भारत तो टूटनेसे बच जाता और यह दोगली क़ौम कन्ट्रोल मे होती
The Indian general election of 1951–52, held from 25 October 1951 to 21 February 1952, was the first election to the Lok Sabha since India became independent in August 1947. 31 October 1875 – 15 December 1950), popularly known as Sardar Patel, was an Indian politician
सरदार पटेल जी बुद्धिमान थे और नेहरु जी विद्वान् और अंग्रजों की चाल समझने के लिए विद्वता की जरूरत थी ।
Kyoki ki pta tha ki nehru Bsdk h😂😂
पटेल मुस्लिमो को भारत मे रहने देने के खिलाफ थे इसलिए
Politics tab bhi thee aur nepotism bhi, PM ke beti PM banegi
Kyoki Nehru ko vote bank chahiye tha uski aane wali peedhi k liye.
जिनके लिए स्नेह ...उपज रहा था... उनके ही प्रतिनिधी थे... आजादी में योगदान भी .... हर तरह के मतभेद है ... किसी ने बुना चरखा ....बैठा आमरण अनशन पर... तब जाके मिली स्वतंत्रता .... ऐसे कैसे पसीजी इंसानियत... जो ना इतनी कहीं... खून के जने में ना दिखती ...😏
Kyuki neharu Gandhi ke chamchhe the🔥🙏💯
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