सरकारी आंकड़ों में घटती महंगाई आम लोगों को महसूस क्यों नहीं हो रही? - BBC News हिंदी

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सरकारी आंकड़ों में घटती महंगाई आम लोगों को महसूस क्यों नहीं हो रही?

दो साल पहले तक सुनीता मिश्रा अपने पति निर्मल कुमार के साथ मिलकर एक छोटा-सा स्कूल चलाती थीं. कोविड महामारी के चलते स्कूल बंद हो गया. सुनीता अब घर पर ही बच्चों को ट्यूशन पढ़ाती हैं.

महंगाई के ख़िलाफ़ होने वाले आंदोलनों पर कादंबिनी कहती हैं, "सत्ता पक्ष अराजक हो गया है और आम लोग 'एकाकी' होकर सोचते हैं. यही वजह है कि किसी तरह की एकजुटता का अभाव है. ये भी है कि सत्ता के अराजक होने से प्रदर्शनों में लाठी-डंडे चलने की संभावना ज़्यादा रहती है. ऐसे में ख़ासतौर पर महिलाएं ख़ुद को बचा कर रखती हैं."लाल मोहन दास दिहाड़ी मज़दूर हैं.

वो कहते हैं, "पहले पचास रुपए में दो दिन की सब्ज़ी आ जाती थी, अब 200 रुपए में दो वक़्त की सब्ज़ी ही आ पाती है. अब त्योहारों में भी बच्चों की इच्छाओं का गला घोंटना पड़ता है."

 

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किसान की फसल सस्ती,बाकी सब महंगाई

Kyonki jhoothon ki sarkaar hai

किसी भी प्रकार के सरकारी आंकड़ों या मोदी के शब्दों पर विशवास किआ जा सकता है? I think Never.

Twisted number, you go to market and check yourself. It's like glass is empty but on paper it written it has water and media now proving that it has water because it's written

ये सब कुछ पुष्टि करता है

Kyonki roz dhian bhatkane ke liye ek Jhunjhuna pakrha dete hain.

मंहगाई को तो सब महसूस करते है पर बताए किसे .... जिसे बताए वो अपना अलग अलग तर्क देना शुरू हो जाते है लेकिन ऐसे लोगो को समझाए कैसे ये वैसा जैसे भेस के आगे बीन बजाने जैसा हो

शेयर सूचकांक उच्चतम स्तर पर है। 100 करोड़ तक को मुफ्त टीके लग गए है।

Kyoki sarkar desh drohi aur gaddaro ki hai...rss bjp desh ko barbad kar rahi hai

Vikas Vikas congratulations

सरकारी आकळे फेंक होते है

क्यूँकि सरकारी आँकड़ा मोदी जी/भाजपा का निजी आँकड़ा हैं

जी वो सरकारी आंकड़ों वाली कापी जनता तक नहीं पहूंची है शायद यही वजह है कि हमें महंगाई कम होती नजर नहीं आ रही है

Surprised at the statement when the opposite is happening. Whoever your source must be a Sanghi moron. Most unreliable as spreading fake news.

अगर महसूस भी हो रही है तो क्या करें आम जनता आप बताए

इसलिए क्योंकि खर्चे आम आदमी के पॉकेट से होता है न की आंकड़ा बनाने वाले से ।

बहुत ही शानदार खबर है। आज भक्त गणों को अच्छी खबर मिल गई है।

खाने तेल 200 प्याज 60 टमाटर 90 रसोई गैस 1000रु कहते हो महंगाई कम होरहि है।

not a single tweet regarding singhu dalit person murder, this is called propaganda journalism.

आकरे छुपाए जा रहे हैं

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