लोकसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी और समाजावादी पार्टी का गठबंधन सफल न हो पाने के बाद मायावती ने एक बैठक कीं. इस बैठक में उन्होंने इस आशय के संकेत दिए कि आगामी उप चुनाव उनकी पार्टी अकेले लड़ेगी. एक रिपोर्ट के अनुसार मायावती ने बैठक में कहा कि 'समाजवादी पार्टी के मुखिया अपनी पत्नी डिंपल यादव की जीत तक सुनिश्चित नहीं कर सके.'
23 मई को संपन्न हुए चुनाव में अखिलेश की पत्नी डिंपल यादव, उत्तर प्रदेश की कन्नौज लोकसभा सीट से चुनाव हार गईं. वह दो बार से कन्नौज से सांसद थीं. उन्हें भारतीय जनता पार्टी के सुब्रत पाठक ने हराया. सूत्रों के अनुसार मायावती ने लोकसभा चुनाव में गठबंधन की सहयोगी, सपा का यादव वोट बैंक बसपा के पक्ष में स्थानांतरित नहीं होने की दलील देते हुये बैठक में मौजूद पार्टी पदाधिकारियों से कहा कि अब ‘गठबंधनों’ पर निर्भर रहने के बजाय पार्टी का संगठन मजबूत कर बसपा अपने बलबूते चुनाव लड़ेगी. उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में बसपा को जिन सीटों पर कामयाबी मिली उसमें सिर्फ पार्टी के परंपरागत वोटबैंक का ही योगदान रहा.
सूत्रों के अनुसार, उन्होंने गठबंधन का अपेक्षित परिणाम नहीं मिलने के लिये सपा अध्यक्ष अखिलेख यादव की पारिवारिक कलह को भी प्रमुख वजह मानते हुए कहा कि इस कारण से अखिलेश के पारिवारिक सदस्य भी चुनाव नहीं जीत सके. बसपा अध्यक्ष ने यादवों के वोट सपा के पक्ष में एकजुट नहीं हो पाने को इसकी वजह बताया. गौरतलब है कि कन्नौज में अखिलेश की पत्नी डिंपल यादव और दोनों चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव बदांयू से तथा अक्षय यादव फिरोजाबाद से बीजेपी उम्मीदवारों से चुनाव हार गये.
सूत्रों के मुताबिक, मायावती ने दावा किया कि डिंपल को बसपा के वोट तो मिले, लेकिन यादवों के वोट ट्रांसफर नहीं हुए.बसपा के सूत्रों ने यह जानकारी दी कि मायावती ने अखिलेश यादव की सपा के साथ गठबंधन के भविष्य को लेकर सीधे कोई बातचीत नहीं की और पार्टी कार्यकर्ताओं से महज इतना कहा कि जब तक उनका पारिवारिक विवाद समाप्त नहीं हो जाता ‘देखो एवं प्रतीक्षा करो’ की नीति अपनायी जाए. एक सूत्र ने कहा, ‘न तो उन्होंने सपा या अखिलेश की आलोचना की और न ही यह कहा कि गठबंधन खत्म हो गया.
अपनेसे बडेकीबात कामानहै तभीविधानसभा मे बढनेवालास्वाभीमानहै जयकृष्ण
फेक EVM की वजह से हरी डिम्पल
Ashirvad तो आपका लिया था विश्व सुंदरी
मोदी की बात सही निकली.
Chhoti chhoti bate Chhoti chhoti bate Chhoti chhoti bate When without qualifications and efforts, anyone gets a position ..........? Hindustani Politics has 100 examples, But For them Chhoti chhoti bate Lack of education......? Politicians never bother for public, They think...?
ले बोलों और सपने प्रधानमंत्री बनने के देख रहे थे 😀😋😝😂
जनता ख़ुश है, जो भी ... हुआ सो हुआ .. 😆😅
परन्तु Mayawati के आशीर्वाद में भी कोई ताकत नही लोग कहते थे कि बस आप सर पर हाथ रख दो जीत पक्की है फिर भी dimpleyadav हार गई जबकि yadavakhilesh के पास samajwadiparty का भी वोट बैंक था पर बात असल ये की आपके वोटर पर अब आपका कोई प्रभाव नही, अब वो स्वतंत्र है myogiadityanath
इन्हें मालूम होना चाहिए जिस किसी का उदय हुआ है उसका अन्त भी हुआ है । सौ दिन चोर के एक दिन साध का ।जय श्री राम !
बुआ बबुआ से up गया, दीदी से गया बंगाल! कंजर सेठ से दिल्ली गया गठबंधन हुआ कंगाल! बोलो सियाबर_रामचन्द्र_की_जय 🚩🚩 😂😂😂
Bua, Bagua Bundh!
Mayawati ab apna puana badla legi.....
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