सऊदी अरब के किंग बनने के लिए एमबीएस अमेरिका की पहली पसंद नहीं थे. अमेरिका चाहता था कि प्रिंस मोहम्मद बिन नायेफ को अगला किंग बनाया जाए.नायेफ को एमबीएन भी कहा जाता है. वे फ़िलहाल हिरासत में हैं. उन पर भ्रष्टाचार और युवराज के ख़िलाफ़ साज़िश करने के आरोप लगे हैं. हालांकि, उनका परिवार इन आरोपों से इनकार करता है.
वर्षों तक एमबीएन सऊदी शाही परिवार में अमेरिका के सबसे अहम सहयोगी रहे. बतौर आंतरिक मंत्री उन्होंने अल-क़ायदा के चरमपंथ को ख़त्म करने में सफलता पाई थी. अपने ख़ुफ़िया प्रमुख साद अल-जाबरी के साथ मिलकर नायेफ ने सीआईए के साथ नजदीकी रिश्ते स्थापित किए थे. अल-जाबरी अब कनाडा में निर्वासित जीवन बिता रहे हैं और उन्होंने अदालत में दावा किया था कि एमबीएस ने उन्हें मारने के लिए एक दस्ता भेजा था.सीआईए को अभी भी सऊदी शाही दरबार में एक अच्छे रिश्ते बनाने हैं. सीआईए के लिए यह इसलिए भी जरूरी है क्योंकि आईएस और अल-क़ायदा के वैश्विक चरमपंथ के ख़तरे अभी ख़त्म नहीं हुए हैं.
हालांकि, सीआईए एमबीएन जैसे किसी धीर गंभीर और सुरक्षित शख़्स के साथ कामकाज़ करने को तरजीह दे रही है और वह एमबीएस जैसे अनपेक्षित रूप से कुछ भी करने वाले शख्स के साथ नहीं जाना चाहती है.
वो अकेला ही चला था देश को उजाड़ने मगर, अंधभक्त जुड़ते गए और देश बर्बाद होता चला गया।।😁
Saudi crown prince Royal highness Mohammed bin Salman is very gentleman and loving person for the Saudi nation and all over the world. Please don't break his image on international level.
Saudi crown prince Royal highness Mohammed bin Salman is very gentleman he is not involved in this case. Its a dirty politics by the America.
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