संघीय व्यवस्था के लिए ठीक नहीं IAS और IPS की प्रतिनियुक्ति पर विवाद

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संघीय व्यवस्था के लिए ठीक नहीं IAS और IPS की प्रतिनियुक्ति पर विवाद viraggupta

AS और IPS को भारत की नौकरशाही में स्टील फ्रेम माना जाता है. सरकार ने इन अधिकारियों की केंद्र में प्रतिनियुक्ति को प्रभावी बनाने के लिए कैडर नियमों में बदलाव पर राज्यों से सुझाव और सहमति मांगी है. केंद्र सरकार की इस पहल का पश्चिम बंगाल, केरल और तमिलनाडु समेत कई विपक्षी सरकारों ने विरोध किया है.

वर्तमान नियमों के अनुसार केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के लिए राज्य सरकार के साथ संबंधित अधिकारी की सहमति भी जरूरी है, जिसमें कई बार विलंब होता है. नियमों में बदलाव के बाद केंद्र सरकार समयबद्ध तरीके से अधिकारियों की केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर फैसला कर सकेगी. इससे प्रशासनिक व्यवस्था सुदृढ़ होने का दावा किया जा रहा है.केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों के लिए अधिकारियों की कमी की वजह से नियमों में बदलाव की पहल हुई है.

2014 में केंद्र सरकार के आदेश पर महिला पुलिस अधिकारी के सीबीआई ज्वॉइन करने पर तमिलनाडु सरकार ने उन्हें निलंबित कर दिया. दिसंबर 2020 में पश्चिम बंगाल में भाजपा अध्यक्ष के काफिले पर हमले के बाद केंद्र सरकार ने 3 आईपीएस अधिकारियों को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति में भेजने का आदेश जारी किया था, लेकिन पश्चिम बंगाल सरकार ने उन्हें रिलीव करने से मना कर दिया.

 

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