जैसे-जैसे कोरोना का कहर बढ़ता जा रहा है, कोरोना से लड़ने के लिए हमारी तैयारियों की कलई खुलती जा रही है. गनीमत है कि गिरते-पड़ते ही सही, पर सरकारी अमला इससे मुकाबला करता दिख रहा है, लेकिन हम मौजूदा बुनियादी ढांचे के दम पर इस महामारी का मुकाबला ज्यादा समय तक कैसे कर सकते हैं. निश्चित ही आने वाले दिनों के लिए इस तरह की महामारियों से जूझने के लिए कोई ठोस इंतजाम करना होगा. सबसे अहम तरीका यह है कि स्वास्थ्य्य सेवा की कमान पूरी तरह सरकार के जिम्मे हो.
सेना की चिकित्सा सेवा के पूर्व प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल वेद चतुर्वेदी कहते हैं कि देश में छोटे-मोटे या फिर मोहल्ला क्लिनिक को निजी कंपनियों के हाथों में रहना चाहिए, लेकिन जहां तक बड़े अस्पतालों की बात है, तो वे सरकार की देखरेख में ही चलने चाहिए. उनका यह भी कहना है कि 'आयुष्मान भारत' जैसी स्वास्थ्य योजनाओं का ज्यादातर लाभ आम लोगों के बजाय निजी अस्पतालों को ही चला जाता है.
इतना ही नही, निजी कंपनियों को जहां कहीं भी धंधे में परेशानी नजर आती है, वे उसे छोड़कर आगे निकल जाती हैं. बिना वजह मुकदमेबाजी भी बहुत होती है. शायद यही वजह है कि फोर्टिस और मैक्स के मालिक अपने अस्पतालों को बेचकर आगे निकल गए. इससे बचने के लिए जनरल चतुर्वेदी कहते हैं कि यहां भी सेना की तरह मेंडिकल ट्रिब्युनल होना चाहिए, जो किसी सेवानिवृत्त न्यायाधीश की देखरेख में संचालित हो और बाकी मेडिकल प्रोफेशन से जुड़े डॉक्टर उसमें शामिल हों, तभी इस पेशे में सही बिजनेसमेन टिक पाएंगे.
Spread negitivity as much as you want but as A Indian we all are united...we doing great compare to developed countries
तुम सब दोगली मिडीया हो। अब कोई फायदा नही इस बकवास का। महामारी आई तो रईसो को वीआईपी ईलाज न मिल पाने का डर सता सता रहा है। अब तो रईस जमीन जायदात, पैसा लेकर कई भाग भी नही सकते। ऊपर वाले की लाठी सबके लिए है। निजीकरण की कीमत पहले आम जनता चूकाती थी। अब सबको भारी पड़ रहा है।
Lalachi niji doctors paisa kamana me lage hai.....Satya hamesha kadwa Lagta hai
वाकई!
लेखक महोदय सरकारी करण के वकील हैं सरकारी मुलाजिमों की सबसे बड़ीकमजोरी उनकीस्थाईनौकरी है ड्यूटी करें नाकरें पर कोई लगाम नहीं हैसरकारी डॉक्टर विशेषज्ञ के रूप में कमजोर हैं यह सही है कि मेडिकल बोर्डहोजिसका अध्यक्ष पूर्वन्यायधीश हो प्राइवेट अस्पतालों की लूटखसोट नियंत्रण आवश्यक है
रविश मैं म ज्ञान मत बांटो जो doctors अपनी Jaan की परवाह नहीं कर रहे हैं उनके उपर आक्षे प कुछ करके दिखाओ पचर् पचर तो कौआ तुमसे ज्यादा है, क्या उसे तुमसे ज्यादा TRP नहीं देना चाहिए
laparwahi dalali ghulami rishwat desh me aam baat hai, ispar koi baat na kare, apne apne kaam par dhyan de bas.
दिसम्बर महीने में कोरोना चीन में जान ले रहा था 30 जनवरी को कोरोना केरल पहुंचा कोरोना से निपटने के लिए हमारे पास ढाई महीना था सरकार सोती रही और सरकार ने अपनी नाकामियों को छुपाने के लिये आम जनता पर लॉकडाउन थोप दिया
इंडिया ताज़ा खबर, इंडिया मुख्य बातें
Similar News:आप इससे मिलती-जुलती खबरें भी पढ़ सकते हैं जिन्हें हमने अन्य समाचार स्रोतों से एकत्र किया है।
स्रोत: Amar Ujala - 🏆 12. / 51 और पढो »
स्रोत: Jansatta - 🏆 4. / 63 और पढो »
स्रोत: Jansatta - 🏆 4. / 63 और पढो »
स्रोत: Amar Ujala - 🏆 12. / 51 और पढो »
स्रोत: Amar Ujala - 🏆 12. / 51 और पढो »
स्रोत: Webdunia Hindi - 🏆 17. / 51 और पढो »