लेकिन चुनौतियां भी थीं...
उस वक़्त हरियाणा में गर्म पानी वाले पूल नहीं होते थे, जिसकी वजह से ठंड के महीनों में प्रैक्टिस कम ही हो पाती थी. और कड़ी मेहनत से जो सहनशक्ति खिलाड़ियों में विकसित होती थी वो ठंड के दिनों के ब्रेक की वजह से कम हो जाती थी. उनका ये फ़ैसला बेकार नहीं गया. उसी साल कटारिया को एशियन एज ग्रुप चैंपियनशिप में छठा स्थान हासिल हुआ. इस प्रतियोगिता ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलने के लिए मानसिक रूप से तैयार किया.
इन प्रदर्शनों ने उन्हें रियो के 2016 समर ओलंपिक में अपनी जगह बनाने के लक्ष्य पर काम करने के लिए प्रोत्साहित किया. हालांकि रियो ओलंपिक में उन्हें सफलता नहीं मिली, लेकिन कटारिया कहती हैं कि इस अनुभव से उन्हें बहुत कुछ सीखने को मिला.
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