पुणे का दौरा किया। प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा कि दिन भर के दौरे का उद्देश्य नागरिकों के टीकाकरण में भारत के प्रयासों में आने वाली चुनौतियों, तैयारियों और रोडमैप जैसे पहलुओं की जानकारी हासिल करना था।
उल्लेखनीय है कि जाइडस कैडिला ने कोविड-19 के खिलाफ जाइकोव-डी नामक संभावित टीके का विकास किया है जिसके पहले चरण का क्लिनिकल परीक्षण पूरा हो चुका है। कंपनी ने अगस्त में दूसरे चरण का परीक्षण शुरू किया है। एक अधिकारी के अनुसार कंपनी के अधिकारियों ने संयंत्र में टीका विकास कार्यों के बारे में मोदी को विस्तार से जानकारी दी। उन्हें टीका उत्पादन प्रक्रिया की जानकारी दी गयी। प्रधानमंत्री ने वहां वैज्ञानिकों और टीका के विकास से जुड़े लोगों से बातचीत...
भारत बायोटेक कोविड-19 की रोकथाम के लिए संभावित टीके कोवैक्सिन का विकास भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद और राष्ट्रीय विषाणुविज्ञान संस्थान के साथ मिलकर कर रहा है, जिसके तीसरे चरण का परीक्षण चल रहा है। हैदराबाद में जीनोम वैली स्थित भारत बायोटेक की बीएसएल-3 इकाई में टीके का विकास किया जा रहा है और यहीं इसका उत्पादन किया जाएगा।
हैदराबाद से पुणे हवाई अड्डे पर शाम करीब साढ़े चार बजे पहुंचने के बाद मोदी हेलीकॉप्टर से सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के लिए रवाना हुए। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया में मोदी ने वैज्ञानिकों से बातचीत की और वहां टीका विकास पर चल रहे कामकाज का जायजा लिया। वह दिल्ली जाने के लिए शाम छह बजे पुणे हवाई अड्डे रवाना हो गए।
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