विश्व प्रसिद्ध शाही लीची पर गर्मी की मार, बारिश-तूफान के कारण 80 % बर्बाद, इस बार सिर्फ 20 टन पैदावार

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मुजफ्फरपुर की विश्व प्रसिद्ध शाही लीची को इस बार गर्मी की नजर लग गई है. गर्मी की मार का असर मुजफ्फरपुर की शाही लीची पर खूब पड़ा है. किसान के मुताबिक पिछले करीब दो दशक में इस बार की शाही लीची सबसे कमजोर रही है. इसका कारण है कि असमय बारिश, तूफान, पकने के समय सामान्य से अधिक तापमान रहने से करीब 80 फीसदी लीची बर्बाद हो गई है.

किसान शंभू राय ने लोकल 18 को बताया कि हम लोग जो लीची बाहर भेज रहे हैं, उसका गलत रिव्यू आ रहा है. यह पहली बार हुआ है कि हम लोग काफी नुकसान में चल रहे हैं. मार्केट में हमें बिलकुल भी सही भाव नहीं मिल रहा है. अब तो बागान में काम करने वाले मजदूरों को पेमेंट देने में भी समस्या हो रही है. वह तो हल्की-हल्की बारिश हुई है, जिससे थोड़ा सुधार आ रहा है. किसान शंभू राय का कहना है कि इस बार एक तो फसल कम हुई है, ऊपर से जो माल हम लोग भेजते हैं, उसका क्या दाम वहा मिलता है, यह भी हमें पता नहीं चल पाता है.

किसान शंभू राय ने Local 18 को बताया कि जिले में हर साल एक लाख टन की पैदावार होती है. लेकिन इस साल मौसम की मार से 20 टन ही लीची बचा है. इसमें भी फल का साइज छोटा होने के साथ मिठास भी कम है. लीची में लाली भी कम है, जिस कारण किसानों को दूसरे राज्यों में शाही लीची की अधिक कीमत नहीं मिल रही है. भारी नुकसान से सहमे किसान आधे पके और कमजोर क्वालिटी की लीची बेचने और दूसरे प्रदेश भेजने को मजबूर हैं.

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