विदेशी मदद : तय विदेश नीति में क्या आया बदलाव

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केंद्र सरकार ने कुछ अरसा पहले आत्मनिर्भर भारत के नारे के तहत कई नीतियां घोषित की थीं। कहा गया कि सरकार विदेशों पर निर्भरता खत्म कर रही है।

जल्द से जल्द हर वह सामान भारत में बनेगा, जो अभी बाहर से मंगवाया जा रहा है। इसके लिए कई नीतिगत बदलाव किए गए। पर कोरोना विषाणु संक्रमण की दूसरी लहर की वजह से केंद्र सरकार ने न सिर्फ पूर्ववर्ती संप्रग सरकार के 16 साल पुराने नियम को बदल डाला, बल्कि चीन समेत 40 से ज्यादा देशों से अनुदान और अन्य मदद भी कबूल की हैं। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली संप्रग सरकार 2004 से 2014 तक केंद्र में रही। दिसंबर 2004 में जब दक्षिण भारतीय तटीय इलाकों में सुनामी ने तबाही मचाई, तब मनमोहन सिंह ने विदेशी मदद की...

केंद्र सरकार या उसकी कोई नीति आड़े नहीं आएगी। यह नीतिगत स्तर पर बड़ा बदलाव है। तीसरे, सरकार ने विदेशों से उपहार, अनुदान और अन्य मदद स्वीकार करने शुरू कर दिए हैं। यह बड़ा बदलाव है, क्योंकि 2004 के बाद यह पहली बार हो रहा है। चीन को लेकर नीति में क्या बदलाव किया है? पिछले साल सीमा पर संघर्ष के बीच भारत ने चीन के साथ कई सौदे रद्द कर दिए थे। कई तरह की पाबंदियां लगाई थीं। अब नई नीति के तहत आॅक्सीजन से जुड़े उपकरण खरीदने को केंद्र ने मंजूरी दे दी है। भारत में चीनी राजदूत सुन विडोंग ने इस बात की पुष्टि की...

 

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