{"_id":"5c974d1abdec2214720faefd","slug":"general-election-2019-tough-fight-between-lefts-kanhaiya-kumar-and-bjps-giriraj-singh-in-begusarai","type":"feature-story","status":"publish","title_hn":"\u0932\u094b\u0915\u0938\u092d\u093e \u091a\u0941\u0928\u093e\u0935 2019: \u091c\u093e\u0924\u093f \u0938\u092e\u0940\u0915\u0930\u0923\u094b\u0902 \u0915\u0947 \u092c\u0940\u091a...
बिहार विधानसभा के पहले कम्युनिस्ट विधायक यहीं से हुए हैं। उनका नाम चंद्रशेखर सिंह था। यह मुख्य रूप से सीपीआई का गढ़ रहा है। यह भी सच है कि बेगूसराय में वामपंथ का विकास भूमिहारों के नेतृत्व में हुआ और वही इनके कर्ताधर्ता भी रहे हैं, लेकिन पिछले कुछ दशकों में वामपंथ की पकड यहां कमजोर हुई है। भूमिहारों का एक वर्ग अब भी सीपीआई के साथ है लेकिन इसका बड़ा वर्ग अब बीजेपी की तरफ रुख कर चुका है।
"दूसरी बात यह है कि यहां जाति आधारित मतदान का चलन रहा है। ऐसे में राजद और सीपीआई का वोट बैंक बिल्कुल अलग-अलग हैं।" वहीं प्रोफेसर चौधरी भी मानते हैं कि अगर स्थितियां नहीं बदलीं तो अंत में मामला मोदी बनाम एंटी मोदी का होगा। ऐसे में कन्हैया कुमार दौड में पीछे छूट सकते हैं। और अगर महागठबंधन कन्हैया पर हामी भर देता है तो जाहिर सी बात है मुकाबला अत्यंत रोचक हो जाएगा। यह तो तय है कि बेगूसराय की सीट हॉट सीट साबित होने वाली है और आने वाले समय में चुनावों में राष्ट्रप्रेम और राष्ट्रद्रोह का मामला यहां चुनावी सभाओं में जमकर उठाया...
बिहार विधानसभा के पहले कम्युनिस्ट विधायक यहीं से हुए हैं। उनका नाम चंद्रशेखर सिंह था। यह मुख्य रूप से सीपीआई का गढ़ रहा है। यह भी सच है कि बेगूसराय में वामपंथ का विकास भूमिहारों के नेतृत्व में हुआ और वही इनके कर्ताधर्ता भी रहे हैं, लेकिन पिछले कुछ दशकों में वामपंथ की पकड यहां कमजोर हुई है। भूमिहारों का एक वर्ग अब भी सीपीआई के साथ है लेकिन इसका बड़ा वर्ग अब बीजेपी की तरफ रुख कर चुका है।
1980 से 2014 के बीच बेगूसराय सीट पर दस बार लोकसभा चुनाव हो चुके हैं। सिर्फ 2009 के चुनावों में ऐसा मौका आया जब बेगूसराय को एक मुस्लिम सांसद मिला। ये सांसद थे नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड से डॉ. मुनाजिर हसन। 2014 के लोकसभा चुनावों में बेगूसराय की सीट भाजपा के खाते में गई थी। भाजपा के भोला सिंह को करीब 4.28 लाख वोट मिले थे, वहीं राजद के तनवीर हसन को 3.70 लाख वोट मिले थे। दोनों में करीब 58 हजार वोटों का अंतर था। वहीं सीपीआई के राजेंद्र प्रसाद सिंह को करीब 1.
लड़ाई है आज देश के बेगुसराय में देश प्रेमी ओर देश द्रोहियों का मुकाबला जनता के हाथ में जनता किया चाहती?
लड़ाई है देश के बेगुसराय में देश प्रेमी ओर देश द्रोहियों का
अरे मीडिया के दल्ले गिरिराज सिंह और देशद्रोही कन्हैया बोल
Who will become berojgar like me after the election result
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