बुधवार को लोकसभा में चिट फंड अमेंडमेंट बिल 2019 पर लंबी चर्चा हुई और अंत में ध्वनिमत से यह बिल पास हो गया. आपको बता दें कि विषय की महत्ता को देखते हुए लोकसभा अध्यक्ष ने सदन की समयावधि आधे घंटे के लिए बढ़ाई थी, ताकि बिल के लिए सुझाए गए संशोधनों पर चर्चा हो और उसे पारित किया जा सके. लोकसभा में दोपहर करीब 3 बजे चिट फंड बिल पर दोबारा चर्चा शुरू हुई. सभी राजनीतिक दलों के सदस्यों ने इस चर्चा में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया और अपने सुझाव भी दिए.
अमृतसर सोने के व्यापार में बड़ी मंदी है. स्वर्णकार बिरादरी अपना चिट फंड चलाती है. वो पैसे से चिट फंड नहीं चलाते, वे सोना या चांदी का कंट्रीब्यूशन करते हैं और ड्रॉ भी वैसे ही करते हैं. सरकार प्लास्टिक मनी की बात करती है लेकिन बिल में इसका कहीं जिक्र नहीं है कि यह पैसा कैसे देना है, अगर कैश ही बना रहेगा तो ब्लैकमनी पर लगाम कैसे लगेगी. इसलिए चेक का प्रावधान किया जाए. भारत बहुत बड़ा देश है. 10 कोस पर हमारी भाषा बदल जाती है. इसको सेंट्रेलाइज करने की जरूरत नहीं है.
ऐसे मामलों में मिसाल वाली सजा दी जाए ताकि लोग आगे से पैसा लेकर नहीं भागें. गरीब आदमी की कौन सुनता है. यह बिल अच्छा है, मैं इसका विरोध नहीं कर रहा लेकिन इसमें कोई अकाउंटबिलिटी हो जिसके पास शिकायत की जाए. मिसाली सजा की व्यवस्था हो. इस बिल को थोड़ा और विस्तार कर इसमें अकाउंटबिलिटी की व्यवस्था करें मैं बिल का समर्थन करता हूं क्योंकि इसमें लोगों का पैसा लगा हुआ है.बिहार के नालंदा से जेडीयू सांसद कौशलेन्द्र कुमार ने कहा कि हर जगह लोग चिट फंड से परेशान हैं.
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