लॉकडाउन: रियल एस्टेट में काम शुरू होने से रुकेगा मजदूरों का पलायन, पर कई प्रैक्टिकल समस्याएं

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रियल एस्टेट में 20 अप्रैल से शुरू हो सकेगा काम, मजदूरों के पलायन जैसी समस्या पर लगेगा अंकुश

केंद्र सरकार ने लॉकडाउन के बीच 20 अप्रैल से इंडस्ट्री के कई सेक्टर में कुछ शर्तों के साथ काम शुरू करने की इजाजत दी है. इनमें रियल एस्टेट भी है. रियल एस्टेट में काम शुरू करने से मजदूरों के पलायन संबंधी समस्या से निपटने जैसे कई फायदे हैं, लेकिन जानकारों के मुताबिक इनमें कई प्रैक्टिकल समस्याएं हैं और जब तक पूरी तरह काम चालू नहीं होता, इस सेक्टर को सुस्ती के दायरे से निकालना कठिन है.

गौरतलब है कि लॉकडाउन से रियल एस्टेट सेक्टर को काफी नुकसान हो रहा है और इस वजह से इसमें निर्माण कार्य शुरू करने देने की इजाजत इस सेक्टर के लोग मांग रहे थे. लेकिन सरकार ने कुछ शर्तों के साथ सीमित इजाजत दी है.गृह मंत्रालय द्वारा बुधवार को जारी निर्देश में कहा गया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न तरह की परियोजनाओं में 20 अप्रैल के बाद निर्माण कार्य की इजाजत होगी, लेकिन शहरी क्षेत्रों में सिर्फ उन्हीं प्रोजेक्ट में निर्माण कार्य किया जा सकेगा, जहां मजदूरों को बाहर से लाने की जरूरत नहीं है.

उन्होंने कहा, 'दूसरे, इससे मकान खरीदारों में भी भरोसा जगेगा कि देर भले हो, लेकिन मकान उन्हें मिलेगा. इससे यह सुनिश्चित हो सकेगा कि रियल एस्टेट कंपनियां कारोबार में लगें.' उन्होंने कहा कि भारतीय रियल एस्टेट पिछले कई साल से विभिन्न तरह की चुनौतियों का सामना कर रहा है. लॉकडाउन इसमें एक और संकट है. बिक्री शून्य है और नई इनकम नहीं हो पा रही है, जिससे अब तक इस सेक्टर को करीब 1 लाख करोड़ का नुकसान हो चुका है. अर्थव्यवस्था को बचाने के ​लिए कारोबार और नौकरियों को बचाना होगा. आज हम यदि इस संकट पर काबू नहीं पाते हैं तो आगे खड़े नहीं हो पाएंगे. कंपनियों के कर्ज रीस्ट्रक्चरिंग और वर्किंग पूंजी मुहैया कराने पर जोर देना होगा.

रियल एस्टेट कंपनी अंतरिक्ष ग्रुप के सीएमडी राकेश यादव कहते हैं, 'सच तो यह है कि अब कंस्ट्रक्शन साइट पर 25 से 30 फीसदी मजदूर ही बचे हैं. बाकी तो पलायन कर गए हैं. इसके साथ ही एक व्यावहारिक दिक्कत यह भी है​ कि बिल्डिंग मटीरियल उपलब्ध नहीं हो पाएगा. जब तक सीमेंट, सरिया, ईंटों जैसे बिल्डिंग मटीरियल की व्यवस्था नहीं होगी, काम कैसे चलेगा. हां, जहां इस तरह का सामान होगा और मजदूर होंगे वहां के लोग काम शुरू करेंगे. कुछ न होने से बेहतर है कि एक तरह से गाड़ी चल पड़ेगी.

 

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Roads banane la kaam shuro karein lockdown hai kaam speed se ho jayega

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