लॉकडाउन को भांप चुके थे सुपर रिच! बच्चों को प्राइवेट जेट्स से देश वापस बुलाया

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लॉकडाउन के अमल में आने से पहले वाले कुछ दिनों में प्राइवेट फ्लाइट्स के बारे में पूछताछ सात गुना तक बढ़ गई थी Lockdown21

मुंबई एयरपोर्ट पर 16 मार्च को फॉल्कन 2000 जेट की लैंडिंग...विमान से दो लड़कियां भी उतरीं...महानगर के कारोबारी घरानों से ताल्लुक रखने वालीं दोनों लड़कियां लंदन से आईं. दोनों ब्रिटेन की अलग-अलग यूनिवर्सिटी में पढ़ती हैं, जिन्हें पहले लंदन एयरपोर्ट लाया गया और वहां से उन्होंने मुंबई की फ्लाइट पकड़ी. उन्हें लाने का इंतजाम उनके अभिभावकों ने किया. इस पर खर्च जान कर चौंक जाएंगे आप...खर्च हुआ 90 लाख रुपये.

बता दें कि ऐसे में भारत के अमीरों ने विदेश में पढ़ रहे अपने बच्चों को घर वापस लाने के लिए लग्जरी प्राइवेट जेट्स का इंतजाम करना शुरू कर दिया.इसके ठीक दो हफ्ते बाद भारत सरकार ने 21 मार्च को बाहर से आने वाली कॉमर्शियल फ्लाइट्स पर रोक लगा दी. तब तक यूनाइटेड किंगडम और यूरोप से कम से कम 102 प्राइवेट चार्टर्ड फ्लाइट इन दो हफ्तों में भारत में लैंड कर चुकी थीं. ऐसी फ्लाइट्स के लिए दसॉल्ट फॉल्कन 2000, बॉम्बर्डियर चैलैंजर सीरीज और हॉकर बिजनेस एयरक्राफ्ट का इस्तेमाल किया गया.

टेकरीवाल की फर्म जेटसेटगो को ही 21 दिन के लॉकडाउन पीरियड में पहले से निर्धारित 346 लग्जरी जेट फ्लाइट को रद्द करना पड़ा है. इससे कंपनी को करीब 100 करोड़ रुपये के कारोबार का नुकसान हुआ है. इसके अलावा दो और प्राइवेट एविएशन चार्टर कंपनियों ने पहचान नहीं खोलने की शर्त पर इस ट्रेंड की पुष्टि की. पहले बुकिंग्स और पूछताछ की बाढ़ आई और लॉकडाउन के बाद कैंसेलेशन्स की.हर दिन 2.8 करोड़ का नुकसान

टेकरीवाल ने बताया, “लॉकडाउन में जीरो ऑपरेशन्स से हर दिन 2.8 करोड़ रुपये का नुकसान सहना पड़ रहा है, वहीं इस दौरान हमारे खर्च असल में बढ़ गए हैं.” एयरक्राफ्ट का रखरखाव उनके मालिकों के लिए खर्चीली प्रक्रिया है. जेटसेटगो का जैसे भारत में ये अनुभव है वैसा ही दुनिया भर में उसके जैसे अन्य ऑपरेटर्स को हो रहा है. ऑन डिमांड जेट प्रोवाइडर ‘प्राइवेट फ्लाई’ को भी पहले अमेरिका और यूरोप के सुपर रिच तबके से खूब बुकिंग्स और इन्क्वायरी मिली.

कोरोनावायरस महामारी के दुनिया को जकड़ने की वजह से जेट प्रोवाइडर्स को हर घंटे के ऑपरेशन के लिए पहले की तुलना में अपना खर्च बढ़ाना पड़ा. ये खर्च अतिरिक्त सेनेटाइजेशन प्रावधान करने की वजह से बढ़ाना पड़ा. कम से कम 14 अप्रैल तक भारत में इंटरनेशनल और डोमेस्टिक फ्लाइट्स पर रोक है. उसके बाद स्थिति के आकलन के बाद आगे फैसला किया जाएगा.

 

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लॉकडाउन के तीसरे दिन बसों में भर के अन्य शहरों की तरफ जा रहे लोग लॉकडाउन के मकसद को खोखला कर रहे हैं और सरकार एवं मीडिया भी ऐसा करने में उनकी भरपूर मदद कर रही है। क्या ऐसे होगी सोशल डिस्टासिंग? एक तरफ सबको घरों में रखने की कोशिश हो रही है और दूसरी तरफ बसें भेजी जा रही है। शर्मनाक

Some education system ,off teachere job

Try to get donation for Corona virus from super rich. Jai hind

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