मार्च से अप्रैल हुआ, अप्रैल से मई, मई से जून और अब जुलाई. शुरू वाले 21 दिन तक तो याद रहा, फिर दिन, सप्ताह, महीने, तारीख - इनको दिमाग़ में बिठाना मुश्किल होता गया और लोगों ने इसकी कोशिश भी छोड़ दी.
लेकिन लॉकडाउन को लेकर वो सवाल फिर भी बार-बार आता-जाता रहा और ख़बरों का हिस्सा बनता रहा. जैसे कि 5 जून को आया कांग्रेस नेता राहुल गांधी का एक ट्वीट जिसमें स्पेन, जर्मनी, इटली और ब्रिटेन के ग्राफ़ के साथ भारत की तुलना कर उन्होंने लिखा,"एक नाकाम लॉकडाउन ऐसा दिखता है.
फिर लॉकडाउन लगा दिया गया. 21 दिनों का लॉकडाउन ख़त्म होने वाले दिन, 14 अप्रैल तक ये संख्या बढ़कर 10,815 हुई. इसके बाद 1 मई तक 35,365, 1 जून तक 1,90,535, 1 जुलाई तक 5,85,493 और 16 जुलाई तक 1,004,652 हो गई है. गुजरात के गांधीनगर में स्थित इंडियन इंस्टीच्यूट ऑफ़ पब्लिक हेल्थ के निदेशक और अमरीका की जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्रप्रोफ़ेसर मावलंकर ने बीबीसी से कहा,"बहुत दिनों तक संख्या कम रही, दूसरे देशों को देखें तो वहाँ भी लॉकडाउन तक संख्या कम थी, अब लॉकडाउन खुलने के बाद वहाँ भी संख्या बढ़ रही है. तो वो तो स्वाभाविक है."इमेज कॉपीरइटदिलीप मावलंकर कहते हैं,"लॉकडाउन का उद्देश्य तो स्पष्ट था कि हम इन दो-तीन महीनों में तैयारी करें.
चौकीदार ही नकारा है।
लोक डाउन लगाना ही सरकार की विफलता को दर्शाता है
The first was by rich and second by poor.
Governments have done & are doing their best. It is public who behaved very irresponsibly during & after lockdowns and even today. Their carelessness has messed up everything. Had they followed all the guidelines honestly, situation would have been much much better today.
First lockdown worsenbthe situation of Covid & economy also. Totally failed
Aise chalta raha to jaldh khatam hoga duniya Bager kam dhandha paise k kaise ladai kare coronavirus se
Nakam admi ka har kam nakam hi hota hai
टेस्ट औऱ इलाज जरूरी है
Har field me BJP Fail hai
Government change honi cahiye
Bahut special logo ne apna deemag lagaya tha, Nateeje sab ke samne hai Govt fail Ho gye corona pe
मुझे तो ये लगता है भारत के, लोग, मरे, मोदी, को, कोई फर्क नहीं पड़ता। मोदी अपना अपने आप में, मस्त है। आजकल रवींद्र नाथ टैगोर का गेट अप ले रहा है। बंगाल का चुनाव नजदीक है।
सब नाकाम रहा
क्या बेहूदा सवाल पूछा है। इस लॉक डाउन के बाद बाजार खुला फिर लॉक डाउन हुआ तो क्या समझेंगे दूसरा लॉक डाउन भी फैल हुआ। सावधानी की जा रही है जितना फायदा हो इस के अलावा कोई उपाय नहीं। बीबीसी को भी दर्द उठता रहता है।
Are u dumbest news channel? Unlock is a failure and not lockdown. Hence lockdown is back.
EMERGENCY से भी बदतर LOCKDOWN. ..20 लाख करोड का जुमला पैकेज...फैलता हुआ कोरोना...गिरती हुई GDP....एतिहासिक बेरोजगारी...तडपते हुए गरीब मजदूर और किसान,,,चरमराती हुई ECONOMY....और..मन की बात ... मोदी जी आधुनिक भारत के भस्मासुर बन चुके है.....
नाकाम पिछला लाख डाउन नहीं रहा नाकाम मोदी सरकार रही
ReeteshDwivedi9 बुद्धिजीबी लोग स्वयं नाकाम रहे हैं बिना मास्क और भीड लगाकर रहना लोग शान समझते हैं
Unproffessional handling.
first lockdown was 200 cent successful for 130 Billion , as it acted as breaker for corona wave. and 2nd lockdown is 2nd breaker to break the chain. Kindly spread positive news..!! ZeeNews Republic_Bharat wave of unidentified enemy cannot be wash out in one lockdown ..
Modi darkar kuchh v karle uske bas ki bat nhi desh chalana
इस चैनल के हेडलाइन से ही इसकी कुकरमुत्ता प्रवृत्ति का अभास होता है । पिछला सफल रहा तभी तो लग रहा है वरना कौन लगाता अगर असफल होता था तो ।
Plzz mem apse request hai ki apke so me rojgaar ka mudda bhi jo plzz only 30 minutes ap bhi jante hai ki bahut youth ki jindgi rojgar pr tiki hai agar rojgaar nahi mila to vo kisi galat kadam bhi utha skte h plzz
भारत में आपदा को अवसर में बदल कर उसको हिंदू सिख muslम से corona जोड़ कर बीमारी को ख़त्म करने की जगह राजनीति की गयी मोदी एक नाकाम नेता है इसको छिपा के लिए रंग मंच जैसे अमिताभ अनुपम गाने गायें गए तालियाँ ढोल भजाने लगे ना कोई प्लान था एक ऐसा shashak जो अपने मन की करता है वहाँ यह
हर लॉक डाउन नाकाम रहेगा अगर आप ईमानदार है तो
Baskidoor नाकाम तो तुम्हारे जैसा विदेशी मीडिया रहा , जो देशविरोधी खबरों में लिप्त है
यह भी कोई पूछने वाली बात है? पिछले सारे lockdown बुरी तरह fail हुए हैं. कारण, सरकार ने जब पूर्ण lockdown किया, तब टेस्टिंग नहीं की, उसने सोचा कि लोगों के घरों में बैठे रहने से चैन टूट जाएगी?
सबसे पहले गलत समय लाकॅडाउन करने से मैने विरोध किया! जो जिओ मार्ट पर रिलायंस भी बताया! फुटकर कब्जा इनवेंटरी डीलर की वसूली 2लेवल ईकोनोमी रचना जब 2-4 2-4 सौ केस थे मोदी सारे देश को जड़वत् किऐ! चंदा किए!! देसदेस बतिआऐ!!! आज न थाली न दीप चिट्ठी न संदेश - कहाँ तुम चले गऐ?
Fully failed
लॉक डाउन करने से कोई लाभ नहीं होने वाला, केवल नुकसान है।
विकराल जनसंख्या ,भारत मे हर समस्या की जड़ में है ।इसपर विचार करने की फुरसत है आकाओं को
बिहार में लॉक डाउन लगा है लेकिन भोजपुर जिला बिहिया नगर पंचायत में सब चोरी छुपे दुकान खोल कर बैठ गये इस बार भी लॉक डाउन नाकाम हो रही है
Aise chalta raha to jaldh khatam hoga duniya Bager kam dhandha paise k kaise ladai kare coronavirus se
बुरी तरह नाकाम रहा
बिल्कुल नाकाम रहा अनपढ़ों को सरकार में जनता ने बैठाया है और क्या होगा
Ha
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