SANJAY DAS/BBCलेकिन कोरोना की वजह से मिठाई की दुकानें बंद हो जाने की वजह से जहां पहली बार रसगुल्ला और संदेश जैसी लोकप्रिय मिठाइयां बाजारों और आम बंगाली के घरों से गायब हो चुकी है वहीं इसके चलते रोजाना औसतन दो लाख लीटर दूध नालों में बहाना पड़ रहा है.
दूध की बर्बादी के चलते मचे हाहाकार के बाद पश्चिम बंगाल सरकार ने मिठाई विक्रेताओं के अनुरोध पर मंगलवार को दोपहर 12 से चार बजे के बीच छोटी दुकानों को खोलने की अनुमति दे दी है. लेकिन इसके लिए दुकानादरों को सुरक्षा उपाय अपनाने होंगे और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करना होगा. नतीजतन रोजाना दो लाख लीटर दूध बर्बाद हो रहा है. इसके अलावा ग्रामीण इलाकों में गाय-भैंस रख कर दूध की खुदरा बिक्री करने वाले लोगों की कमाई भी ठप हो गई है. मांग नहीं होने या फिर परिवहन की दिक्कतों के चलते उनको भी अपना दूध नालों में बहाना पड़ रहा है.समिति के प्रवक्ता और मशहूर मिठाई निर्माता केसी दास के उत्तराधिकारी धीमान चंद्र दास कहते हैं,"कुछ सप्लायर दुकानों तक दूध भेज रहे हैं तो कई लोग परिवहन की दिक्कतो के चलते ऐसा नहीं कर पा रहे हैं.
समिति ने कहा है,"मौजूदा हालात में लॉकडाउन ही कोरोना से बचाव का एकमात्र उपाय है. यह बात समिति समझती है. लेकिन साथ ही इतनी बड़ी मात्रा में दूध बर्बाद करना भी उचित नहीं है. इसलिए मुख्यमंत्री को हमारी मांग पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करना चाहिए." दूध की बिक्री में गिरावट का असर पशुओं पर भी नजर आने लगा है. सिन्हा कहते हैं कि दूध नहीं बिकने की वजह से कई लोग अब औने-पौने दामों में गाय-भैंसों को बेच रहे हैं.
Wah modi jee wah
Fack news
Rastey me garibon ko pila dete to dudh ko barnad nai karna padta.
न समझ आने वाली मूर्खतापूर्ण हरकत।
*भारत* एक ऐसा देश है जहां गरीब 100 दिन तक धरने पर बैठ सकता है, लेकिन सरकार घर पर *बैठने* को कहे तो तुरंत पूछेगा गरीब क्या खाएगा🤔🤔
Gariboko q nahi dete he
50 का दूध अगर बिकता था तो 10 का बेचो लेकिन दूध का अनादर नही करना चाहिए। इसे फैलाना नही चाहिए । किसी मनुष्य को नही दे सकते तो किसी जानवर को दे दो किसी के पेट मे तो जाना चाहिए।
दूध बरबाद करने की क्या जरूरत है , गरीबों को देदो, डेयरी को बेच दो, पनीर बनाऔ, घी बनाऔ, खोआ बनाकर कोल्ड स्टोर में रख दो या इस तरह राजनीति भी कर सकते हैं
कोरोना_के_इफेक्ट और कोरोना_के_साईड_इफेक्ट इतने होंगे कि सालों लग जायेंगे अर्थव्यवस्था को ठीक करने में गरीबों_की_भूख मिटाने में...
अरे क्या पागलपन है, किसी ग़रीब को ही दे देते या किसी मदर-डेयरी जैसे किसी कम्पनी को कांटैक्ट कर वहाँ दे देते; पर कहाँ समझेंगे यहाँ तो पत्थर पर भी बहुत बर्बाद किया है जनता है दूध, दही, तेल, फल, फूल, लड्डू, वग़ैरह....देश चीज़ें बर्बाद कर सकता है पर किसी और का भला नही कर सकता। छी:
बीबीसी का एजेंडा शुरू, तब्लीगी मरकज पर मुह में दही जम गया
Abhi abhi suna hai ki bbc bandh ho raha hai
Why they are not giving it to needy who do not have anything to eat? Is this just politics or really true?
Fake news. Milk can be used for other purposes.
किसी गरीब को पीने को दे दो । बहुत लोगो को इसकी जरूरत है।
गाना चलाओ बंजा तू मेरी रानी🤣🤣🤣 अब सारा रसगुल्ला मछली रानी को कबूल 🐬
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