खास बातेंनई दिल्ली: केंद्र सरकार के लेबर रिफॉर्म एजेंडे को लेकर संघ परिवार में मतभेद उभरकर सामने आए हैं क्योंकि RSS से जुड़े भारतीय मजदूर संघ ने लोकसभा द्वारा पारित तीन लेबर कोड बिलों का विरोध किया है. BMS के जोनल सेक्रेटरी पवन कुमार ने कहा, 'जिस तरह से सरकार ने तीन लेबर कोड बिल पारित किए हैं, हम उसका विरोध करते हैं. सरकार ने लेबर कोड बिल जल्दबाजी में पारित कराएं, जो ठीक नहीं हैं. इस पर विस्तार से चर्चा नहीं हो पाई. सरकार ने हमारी महत्वपूर्ण मांगें नहीं मानी हैं.
यह भी पढ़ेंउन्होंने आगे कहा, 'हमने सरकार से ये भी मांग की थी कि कोड ऑन ऑक्यूपेशनल सेफ्टी में जो सुरक्षा के प्रावधान हैं, वर्करों के लिए उसे भी यूनिवर्सलाइज किया जाए लेकिन जो बिल पारित हुआ है उसमें हजार्ड इंडस्ट्री में सुरक्षा सिर्फ उन मजदूरों को दी जाएगी, जो उन निकायों में काम करते हैं, जहां 10 या 10 से ज्यादा मजदूर काम करते हैं.' पवन कुमार ने आगे कहा, 'इसको लेकर भारतीय मजदूर संघ का एक बड़ा विरोध सरकार के सामने है.
Bhartiya Mazdoor SanghCentre GovtLabour Code Billsटिप्पणियां भारत में कोरोनावायरस महामारी के फैलाव पर नज़र रखें, और NDTV.in पर पाएं दुनियाभर से COVID-19 से जुड़ी ताज़ातरीन ख़बरें.
aamaadmi89 RSS affiliated labour unions may not be trusted
Jai shree Ram 😂
Public ko bevkuf banane ke liye ha ye Karne wale RSS wale ha unko Nahi pata kya ha
मजदूर नहीं अब बंधुआ मजदूर होगें, ईस्ट इंडिया कंपनी के जमाने वाले
Desh ko Ghulam banane ki sajish, majdoor virodhi hai yeh fekuchand majdoorvirodhifekuchand
करबट बदल लो भक्तों
Even rss now not liking modi and his bills
भाई घड़ियाली आंसू न बहाएं।
नौटंकी
पूरी तरह से देश के नागरिकों को उद्योगपतियों के हाथों गुलाम बनाने की साजिश है
Desh mai abb deshdrohi ki fasal ugegi...
शायद RSSorg को भी मार्गदर्शक मंडल मे स्थान दे दिया है। LabourCodes LabourCodeBills
रोजगार और बिना वेतन बढाए तीन बिल पास करना ठीक वैसा है जैसे की कोई दो रुमाल खरीद कर लाए और बोले की कपड़े खरीद कर लाया हूं। आंगनवाड़ी कर्मचारियों को बहुत कम वेतन मिलता है और मनरेगा मजदूरों को बहुत बहुत कम।
भारतीय मजदूर संघ तो इनका ही पाला हुआ है और अब इनका भी काटा जा रहा है। एक न एक दिन सबका कटेगा जरूर। LabourCodes
Rss has no idea about the Power of Modi.
Sahi baat hai
चलो ठीक है सरकार के इस तीन बिल की वजह से किसान की फसलों पर बात तो हो रही। पिछले 6 साल में पहली बार किसानो का मुद्दा चर्चा में आया है। हालाकि देश का 70% आबादी किसानी से जुड़ी हुई है तो कमसे कम 100 में से 70 दिन तो मीडिया वालों को सिर्फ किसानी पर ही बात करनी चाहिए।
ArunSao3 देखिए ये क़ानून संघी किसानो को भी रास नहीं आ रहा है ज़रा सोचिए जनाब यह क़ानून किसान की उपज तथा खेती का निजीकरण करने में उपयोगी साबित होगा । किसान_विरोधी_अध्यादेश_वापस_लो किसान_विरोधी_मोदी_सरकार
सर जी मै एक कम्पनी में काम किया था मुंबई में मुझे 1000 पेंशन मिलता है लेकिन आज तक कोई बढ़ोतरी नहीं मिला पिछले 25साल में और कितना ट्वीट करवाएं लेकिन कोई जवाब न मिला कृपया इस खबर प्रधान मंत्री तक पहुंचा दिया जाए आप का सदा आभारी हूं
Sab bewkuf banane wali bat he.. Jab sarkar hi sangh pariwar k hishab se chal rahi he to kanoon bhi unhi k hishab se banenge
बीजेपी सरकार पेसो वालो का एजेंडा लागू कर रही देश में
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