भारत में रहने वाले अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के अल्पसंख्यकों के लिए नागरिकता के आवेदन को स्वीकृति देने से जुड़े केंद्र सरकार के कदम की लेफ्ट पार्टियों ने आलोचना की है। वाम दलों का कहना है कि केंद्र पिछले दरवाजे से संशोधित नागरिकता कानून लेकर आया है और यह उसके फासीवादी चरित्र को बेनकाब करता है। हालांकि, जहां एक तरफ एक गुट पड़ोसी देशों में सताए गए लोगों को नागरिकता देने का विरोध कर रहा है, वहीं खुद प्रवासियों का कहना है कि उन्हें सरकार के इस फैसले से राहत का अहसास हुआ है। अफगानिस्तान...
रहे हैं। इस बीच कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया है कि कई पीड़ितों ने अब भारत छोड़कर वापस अफगानिस्तान जाना भी शुरू कर दिया। इस आशा में कि वहां अब स्थितियां सुधरेंगी। केंद्र ने किन नियमों के तहत मंगाए नागरिकता के आवेदन?: गौरतलब है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने नागरिकता अधिनियम, 1955 के 2009 के नियमों के तहत एक अधिसूचना जारी करके अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के उन गैर-मुसलमानों से भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने के लिए कहा है जो गुजरात, राजस्थान, छत्तीसगढ़, हरियाणा और पंजाब के 13...
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