पहली तस्वीर अमेरिका की है, जहां 6 जनवरी को ट्रम्प समर्थकों ने संसद पर कब्जा कर लिया था। दूसरी फोटो लाल किले की है, जहां मंगलवार को हजारों किसान आंदोलनकारी दाखिल हो गए।
दिल्ली में मंगलवार को ट्रैक्टर परेड निकाल रहे किसानों की भीड़ पुलिस की ओर से तय किए गए रूट से बाहर निकलकर लाल किले तक पहुंच गई। ये किसान सिंघु बॉर्डर से आए थे। रास्ते में पुलिस ने उन्हें रोका भी, लेकिन हाथापाई के कारण पुलिस पीछे हट गई। दोपहर करीब 2 बजे हजारों किसान मेन गेट से लाल किले के अंदर घुस गए। उन्होंने अंदर तोड़फोड़ तो की ही, किले की प्राचीर पर चढ़कर धार्मिक ध्वज निशान साहिब और किसानों का झंडा लगा दिया। हर साल 15 अगस्त को प्रधानमंत्री इसी जगह तिरंगा फहराते हैं। यह हंगामा करीब 90 मिनट तक चलता रहा। इसके बाद पुलिस ने उपद्रव कर रहे किसानों पर लाठीचार्ज किया और उन्हें खदेड़कर बाहर निकाल दिया।
दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की तस्वीरें दुनिया के सबसे पुराने लोकतंत्र से मेल खा रही हैं। जिस तरह लाल किले पर आंदोलनकारियों ने उपद्रव किया, ठीक उसी तरह अमेरिका में 6 जनवरी को ट्रम्प समर्थकों ने हंगामा किया था। हजारों की संख्या में ट्रम्प समर्थक अमेरिकी संसद कैपिटल हिल में घुस गए। यहां तोड़फोड़ की, सीनेटरों को बाहर किया और उनके ऑफिसों पर कब्जा कर लिया था। बाद में सुरक्षाबलों ने इन्हें बाहर निकाला। इस हिंसा में चार लोगों की मौत हुई थी।1.
26 jan ko itna sab kuchh ho gaya pm abhi tak maun hain.
ये बिल्कुल सही नहीं है और निंदनीय व शर्मनाक है और जो भी हो उसे तुरंत गिरफ्तार करके कानून के तहत सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। ये यहां तक इतनी तगड़ी सुरक्षा व्यवस्था होने पर भी कैसे पहुंचे ? क्या सुरक्षा एजेंसियों का भी फेल्योर है ? निश्पक्ष जांच होनी चाहिए।
और हमने सबक न लिया।
स्कूल व्याख्याता भर्ती :2018 में सामान्य वर्ग की 14% सीटें काटकर विज्ञापन जारी होने के डेढ़ साल बाद में 36% करना असंवैधानिक है , गणतंत्र दिवस पर ashokgehlot51 जी 700 सैडोपोस्ट सृजित करे । GovindDotasra zeerajasthan_ INCIndia नौकरी_का_खून
बीजेपी सरकार खुद ही अपने उपद्रवियों को भेजकर उपद्रव करवाती है। किसानों के बीच और सब लोगों को लगता है कि किसान उपद्रव कर रहे हैं, लेकिन बीजेपी सरकार ही यह सब कर आती है और गोदी मीडिया इन सब का साथ देती है और चैनल पर ऐसी ऐसी चीजें दिखाती है ताकि लोगों को लगे कि हां यह सही है।
Flag hoisted in Redfort is not khalistani TRICOLOR is not supplanted....
अहंकार सिर्फ डूबाया है पार नही करवाता है.
ये किसान नहीं है ये नक्सलवादी प्रदर्शन कारी है।
Are those same Farmers selling one crop at two different states for prices like 800₹ and 1800₹. Are you sure these matters are same🤔
खालिस्तान का झंडा कैसे दिख गया तुझे बे...? न्यूज़ एजेंसी है या झूट की फैक्ट्री...?
Khalsa pant bhi apna hi hai. Tentoin mat lo. farmers jindabad
Are you comparing with america...... Have any logic....... Or just compare to keep your agenda going.... Both are different.
किसान को बदनाम मत कर ये हरामी सब कुत्ते भिंडरावाले की औलादों है
Tum par koi karvai honi chayie ,jhooth faila rahe ho tyar rahna 'dainik jhoothe news' ndtvindia BBCHindi ajitanjum ravishndtv INCUttarPradesh INCIndia AcharyaPramodk pbhushan1 ArvindKejriwal i hate dainik bhaskar
वहा की ट्रंप सरकार ने जिम्मेदारी ली क्या इस घटना की वामपंथ INCIndia यह जिम्मेदारी लेंगे की यह काम हमने किया है। Dubeysonuji GumanSi75745468 KailashBaytu KitanuKiller RAAZSHARMA21 BJP4India
धिक्कार हैं फर्जी किसानों
Jimmedar koun?
Trump supporters wahan, aur yahan Pappu Gandhi kay !!
आइये तथ्यों पर बात करें: 1. ये किसान नही खालिस्तानी आतंकवादी हैं 2. इन्हें केजरीवाल ने बुलाया और इनकी व्यवस्था की 3. इनका कांग्रेस राहुल और प्रियंका ने खुल कर समर्थन किया 4. इनका कैडर वामपंथियों ने बनाया इन्हें ट्रेनिंग दी 5. इन्हें बौद्धिक सपोर्ट जेहादी पत्रकारों ने दिया
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