अगर पेट्रोल-डीजल के दाम घटने की बात करें तो 24 मार्च से पहले 22 सितंबर को पूरे देश में इनके कीमतों में कमी आई थी। जबकि इस दौरान तेल कंपनियों ने कुल 41 बार पेट्रोल-डीजल के रेट बढ़ाए। इसी का नतीजा है कि पेट्रोल 100 के पार निकल गया है।देश में 27 फरवरी के बाद से पेट्रोल डीजल की कीमतें नहीं बढ़ी थीं। हालांकि इससे पहले फरवरी में केवल 16 दिनों में ही पेट्रोल 4.62 रुपए और डीजल 4.74 रुपए महंगा हुआ था। इससे पहले जनवरी में रेट 10 बार बढ़े। इस दौरान पेट्रोल की कीमत में 2.59 रुपए और डीजल में 2.
दिल्ली चुनाव के दौरान भी जनता को खुश करने के लिए भी 12 जनवरी से 23 फरवरी तक पेट्रोल-डीजल के दाम नहीं बढ़े थे। हालांकि इसके बाद कोरोना के कारण लगाए गए लॉकडाउन के कारण भी इनके दामों में कमी आई थी। इसके अलावा 2018 में कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले भी फ्यूल प्राइसेज 19 दिनों तक स्थिर रही थीं।बुधवार को BJP नेता सुशील मोदी ने राज्यसभा में बड़ा बयान देते हुए कहा कि पेट्रोल-डीजल को GST के दायरे लाना 8 से 10 साल तक संभव नहीं है। अगर इन्हें GST के दायरे में लाया जाता है, तो राज्यों को 2 लाख करोड़ रुपए का...
This is political fundamental keep it up👍
Wese ye bolte hein hamara kimto par koyi zor nahi chalta abb ye kya he
बंगालियों को ध्यान में रखते हुए लगातार दूसरे दिन डीजल पेट्रोल की कीमतों को देशभर के लिए कम किया गया है। लेकिन कभी तो ये चुनाव खत्म हो जाएंगे और बंगाल के लोग टापते रह जाएंगे।
पेट्रोल डीजल की कीमतें चुनाव से जुड़ी हुई लगती हैं शायद न कि बाजार से क्योंकि कहीं भी चुनाव हों कीमतों मे वृद्धि रुक जाती है और चुनाव समाप्त होने पर कीमतें बढ़ा दी जाती हैं।