घर में मातम पसरा है, आने-जाने वालों की भीड़ है, मां बेसुध पड़ी है और वो 11 साल की बच्ची अपने दो-ढाई साल के भाई की हर तरह से देखभाल में व्यस्त है। ये लखीमपुर हिंसा में मारे गए पत्रकार रमन कश्यप की बेटी वैष्णवी है, जिसने अपने आंसुओं को बमुश्किल आंखों में छुपा लिया है और अपने पिता की मौत के दुख को अपने भाई तक ना पहुंचने देने की हरसंभव कोशिश कर रही है। वह जानती है कि उसके पिता अब इस दुनिया में नहीं हैं और वो कभी लौटकर नहीं आएंगे। वह ये भी जान गई है कि अब उसकी जिम्मेदारियां बढ़ गई...
रमन कश्यप 3 अक्टूबर की दोपहर 12 बजे के करीब जब घर से कवरेज करने के लिए निकले थे तब बेटी ने ही बाय कहकर उनके लिए दरवाजा बंद किया था। हमेशा की तरह ही जाते-जाते उन्होंने उससे कहा था- अच्छे से पढ़ाई करना। रमन कश्यप के परिजनों के मुताबिक उन्होंने कुछ महीने पहले ही पत्रकारिता शुरू की थी और वो टीवी चैनल के लिए खबरें भेजा करते थे। इसके लिए उन्हें कोई तय वेतन मिलता था या नहीं इसकी जानकारी परिजनों को नहीं है।रमन के भाई पवन सरकार और किसान दोनों से नाराज हैं। उनका कहना है कि रमन को वक्त पर इलाज मिलता तो शायद उनकी जान बच जाती।
रमन के पिता राम दुलारे ने उनके शव की पहचान की थी। वे बताते हैं, 'ये बात बिलकुल गलत है कि उसकी मौत लाठी-डंडों से पीटने से हुई। यदि उसे पीटा गया होता तो उसके शरीर पर पीटने के निशान होते। उसके शरीर पर घिसटने के निशान थे, खरोचें थीं और मिट्टी और बजरी भी चिपकी थी।' ऐसे ही एक स्थानीय पत्रकार बताते हैं, 'रमन से मेरी मुलाकात कवरेज के दौरान हुई थी। फिर वो दूसरी तरफ चले गए और मैं दूसरी तरफ। जब किसानों पर गाड़ी चढ़ने के बाद उनके लापता होने के बारे में पता चला तो हमने उन्हें तलाशने की कोशिश की, लेकिन वो कहीं नहीं दिखे। लोकल पुलिस ने भी देर शाम तक उनके बारे में कोई जानकारी नहीं दी।'
मृतक के परिवार के साथ आम आदमी पार्टी नेता संजय सिंह। प्रियंका गांधी, राहुल गांधी और अखिलेश यादव भी परिवार से मिल चुके हैं।
poonamkaushel CMOfficeUP IndianFarmers_ RakeshTikaitBKU दैनिक भास्कर ने तुम्हें एजेंडा चलाने के लिए रखा है या निष्पक्ष पत्रकारिता के लिए अगर तुम एजेंडा नहीं चलाती तो दोनों पक्ष के बारे में लिखती नहीं किन तुम एजेंडा चलाने के लिए एक ही पक्ष के बारे में लिख रही हो
poonamkaushel CMOfficeUP IndianFarmers_ RakeshTikaitBKU Well Done Super Ground Reporting Without And Propaganda 🙏🙏
poonamkaushel CMOfficeUP IndianFarmers_ RakeshTikaitBKU कोई नहीं पूछता है भाई ! यहां गरीबों को टूल की तरह प्रयुक्त किया जाता है। ग़रीब का गरीब के अलावा कोई नहीं हो सकता। गरीबों को ये बात समझने में बहुत समय लगेगा।
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