रोहिंग्या: म्यांमार ने कहा, कुछ सैनिकों ने अपराध किए, सेना ने नहीं | DW | 21.01.2020

  • 📰 DW Hindi
  • ⏱ Reading Time:
  • 82 sec. here
  • 3 min. at publisher
  • 📊 Quality Score:
  • News: 36%
  • Publisher: 63%

इंडिया मुख्य बातें समाचार

इंडिया ताज़ा खबर,इंडिया मुख्य बातें

म्यांमार सरकार की तरफ से नियुक्त पैनल इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि संभवतः उसके कुछ सैनिकों ने रोहिंग्या मुसलमानों के खिलाफ युद्ध अपराध किए लेकिन सेना नरसंहार की दोषी नहीं है. Rohingya

एक"स्वतंत्र जांच आयोग" ने सोमवार को जांच के नतीजे पेश किए. यह रिपोर्ट उस समय में जारी हुई जब गुरुवार को संयुक्त राष्ट्र की अंतरराष्ट्रीय अदालत फैसला सुना सकती है कि म्यांमार में कथित नरसंहार को रोकने के लिए तत्काल उपाय लागू किया जाएं या नहीं.

जांच पैनल ने स्वीकारा कि कुछ सुरक्षाकर्मियों ने अनुचित बल प्रयोग किया, युद्ध अपराध को अंजाम दिए और मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन किया था, जिसमें"निर्दोष ग्रामीणों की हत्या और उनके घरों को नष्ट करना" शामिल था. लेकिन पैनल के मुताबिक ये अपराधों को नरसंहार नहीं कहा जा सकता. जांच आयोग का कहना है,"तर्क करने के लिए सबूत नाकाफी हैं, बहुत कम निष्कर्ष निकलता है कि अपराध पूरे या आंशिक रूप से एक राष्ट्रीय, जातीय, नस्लीय या धार्मिक समूह को नष्ट करने के इरादे से किए गए थे." म्यांमार में अगस्त 2017 में सेना की कार्रवाइयों के बाद 7.4 लाख रोहिंग्या मुसलमान बांग्लादेश भागकर शरणार्थी शिविरों में रह रहे हैं. म्यांमार की सरकार पर रोहिंग्या लोगों का पूरी तरह सफाया करने के आरोप लगते आए हैं.

बौद्ध बहुसंख्यक म्यांमार हमेशा से सेना कार्रवाई को उचित ठहराता आया है. उसका कहना है कि सेना ने सिर्फ जिहादी तत्वों के खिलाफ कार्रवाई की जो देश की सुरक्षा के लिए चुनौती बन रहे थे. लेकिन शरणार्थियों ने बड़े पैमान पर हत्या, बलात्कार और यातनाएं झेली हैं जिसके कारण वे म्यांमार लौटने से इनकार करते आए हैं.यह जांच रिपोर्ट म्यांमार की अब तक की सबसे बड़ी जांच है, जिसमें अब तक हुए अत्याचारों को स्वीकार किया गया है. लेकिन म्यांमार के रोहिंग्या संगठन यूके ने जांच के नतीजों को सिरे से खारिज कर दिया है.

ह्यूमन राइट्स वॉच के फिल रॉबर्टसन के मुताबिक रिपोर्ट मिलिट्री कमांड की जिम्मेदारी तय करने की बजाय सिर्फ कुछ सुरक्षाकर्मियों को बलि का बकरा बनाने की कोशिश कर रही है. उनके मुताबिक,"आईसीओई की जांच, इसकी कार्यप्रणाली और संचालन पारदर्शिता से बहुत दूर है." पिछले साल म्यांमार की नेता आंग सान सू ची हेग की अंतरराष्ट्रीय अदालत में पेश हो चुकी हैं. मुस्लिम बहुल अफ्रीकी देश गांबिया ने म्यांमार के खिलाफ मुकदमा दायर किया है.

 

आपकी टिप्पणी के लिए धन्यवाद। आपकी टिप्पणी समीक्षा के बाद प्रकाशित की जाएगी।
हमने इस समाचार को संक्षेप में प्रस्तुत किया है ताकि आप इसे तुरंत पढ़ सकें। यदि आप समाचार में रुचि रखते हैं, तो आप पूरा पाठ यहां पढ़ सकते हैं। और पढो:

 /  🏆 8. in İN

इंडिया ताज़ा खबर, इंडिया मुख्य बातें

Similar News:आप इससे मिलती-जुलती खबरें भी पढ़ सकते हैं जिन्हें हमने अन्य समाचार स्रोतों से एकत्र किया है।

म्यांमार: सरकार के पैनल ने रोहिंग्या जनसंहार से किया इनकार, मानवाधिकार समूहों ने की निंदाअगस्त 2017 से शुरू हुए सैन्य अभियानों के चलते करीब 7,40,000 रोहिंग्या लोगों को सीमापार बांग्लादेश भागना पड़ा था. पिछले साल सितंबर महीने में संयुक्त राष्ट्र की एक टीम ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि म्यांमार में करीब छह लाख रोहिंग्या मुसलमान नरसंहार के गंभीर ख़तरे का सामना कर रहे हैं. साले गरीबों के दुश्मन हैं सब वैसे मैं किसी धर्म को नही मानता पर मुसलमानों को सबक सिखाने में हर्ज नही क्यों के ये है कटरपंथी जहाँ ये बहुसंख्यक हुए मुस्लिम राष्ट्र बना दिया जहाँ अल्पसंख्यक हुए वहाँ मानवता का रोना रोते है क्या हम धर्म के बिना नही जी सकते
स्रोत: द वायर हिंदी - 🏆 3. / 63 और पढो »

केरल की मस्जिद में विवाह रचाकर हिंदू जोड़े ने कायम की मिसाल, सीएम ने दी बधाईइस जोड़े ने धार्मिक, सामाजिक बंधनों की बेड़ियों को तोड़कर आपसी नफरत पैदा करने वालों को भाईचारे का संदेश दिया है। Kerala CommunalHarmony Have u seen a single Muslim who can do like this hindu Hindus tolrent secular liberal attitude is one reason that all Kashmir pandits r on road but no one support their cause but all r opposing CAA NRC NPR because Muslim r violent intolerant rabid Commu and harmful to nation मस्जिदों को पूजा अर्चना के लिए भी खोलना चाहिए।
स्रोत: Amar Ujala - 🏆 12. / 51 और पढो »

सीआइएसएफ की तैनाती का निर्णय वापस ले सकता है विश्वभारती विश्वविद्यालय, जानें क्‍या है वजहसुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए अपने परिसर में सीआइएसएफ की तैनाती की मांग करने वाला विश्व भारती विवि अब इस योजना को वापस ले सकता है।
स्रोत: Dainik Jagran - 🏆 10. / 53 और पढो »

‘धोनी रिटायर होता है तो विराट कमान संभालता है’, नड्डा की ताजपोशी पर क्या बोले दिग्गजअमित शाह के करीब 6 साल तक कमान संभालने के बाद अब पार्टी के नेतृत्व में बदलाव हो रहा है. जेपी नड्डा को नई जिम्मेदारी के साथ-साथ बधाइयां भी मिल रही हैं. केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी समेत कई नेताओं ने जेपी नड्डा को बधाई दी. ashokasinghal2 Terminate_priya_verma Terminate_priya_verma Terminate_priya_verma Terminate_priya_verma Terminate_priya_verma Terminate_priya_verma Terminate_priya_verma Terminate_priya_verma Terminate_priya_verma Terminate_priya_verma Terminate_priya_verma ashokasinghal2 तुम्हारी साइट पर सबसे ज्यादा विज्ञापन भरे हैं😜 👉🏿 एक नींबू से किस प्रकार चर्बी कम करें | 👉🏿लिंग लोहे की तरह सख्त हो जाएगा। तमाम तरीके के गंदे विज्ञापन खबर से पहले आ जाते हैं। ashokasinghal2 पहला हार दिल्ली में ही मिल जाएगा बीजेपी को निश्चिंत रहो
स्रोत: AajTak - 🏆 5. / 63 और पढो »

UP: ऐसा है पुलिस की जीप का हाल, धक्का लगाकर कराना पड़ता है स्टार्टजनपद के दो अलग-अलग थानों से पुलिस का खिल्ली उड़ाने वाली तस्वीरें सामने आई हैं, जहां मुलजिम को पकड़ने वाली पुलिस खुद अपनी सरकारी गाड़ी में धक्का लगाती हुई नजर आ रही हैं. Uppolice myogiadityanath ठंड में मेरी बाइक भी ठंडी हो जाती है, चोक लेना पड़ता है किक मारना पड़ता है ! एक काम करो ये भी खबर कल छाप देना 🤔 Uppolice myogiadityanath जब जीप की समय से सर्विस नही करवाएंगे, सर्विस का पैसा फर्जी बिल लगाकर क्लेम करेंगे अधिकारी तो हवलदारों को धक्का तो लगाना ही पड़ेगा. विश्वास न हो तो कभी भी स्टिंग ऑपरेशन करलो पुलिस के सिस्टम का ये कभी नही सुधरेंगे, गांवों- देहातों में तो स्थिति और भी दयनीय है पुलिस वालों की. Uppolice myogiadityanath योगी जी से क्या कोई लालों का लाल इस्तीफ़ा ले सकता है?डुग डुग डुगडुगी,
स्रोत: Zee News - 🏆 7. / 63 और पढो »

क्या है IPC की धारा 279 और 337, जो एक लापरवाही पर दिला सकती है सजाक्या है IPC की धारा 279 और 337, जो एक लापरवाही पर दिला सकती है सजा Shabana Azmi ShabanaAzmi driver ShabanaAzmi ShabanaAzmiAccident ACCIDENT edutwitter currentaffairs JavedAkhtar माननीय संवाददाता जी कृपया उन गरीबों का भी ध्यान करें जो सरकारी कार्यालयों में प्राइवेट रूप में 15-20 वर्षों से नौकरी कर रहे हैं उन्हें पेट भर भोजन भी नसीब नहीं हो पा रहा है। जबकि वे 10-12 घण्टे काम करते हैं। सरकार से रेगुलर करने हेतु आदेश जारी कराने की कृपा करें। अति कृपा होगी। 279,337,338, of I,pc, is.cognizable, offence, to injure any person by, rash& negligence, drivings of vihicle. खबर में जाने पर धारा 337 की जगह शीर्षक में धारा 377 दो बार छपा हुआ है।🤔
स्रोत: Amar Ujala - 🏆 12. / 51 और पढो »