हेल्थलाइन के मुताबिक, महिलाओं में मूड स्विंग की परेशानी की कई वजहें हो सकती हैं. इनमें से एक वजह है प्री मेंस्ट्रुअल सिंड्रोम. पीरियड शुरू होने से एक से दो सप्ताह पहले का ये समय होता है जब 90 प्रतिशत महिलाएं थकान, चक्कर आना, डिप्रेशन या मूड स्विंग जैसी परेशानियों से गुजरती हैं. यह पीरियड शुरू होने के दो से तीन दिन बाद खुद ठीक भी हो जाता है. Image: Canva तनाव भी महिलाओं में मूड स्विंग की बड़ी वजह होता है. तनाव की वजह से शरीर पर काफी बुरा असर पड़ता है जिसमें से एक लक्षण है मूड स्विंग होना.
ऐसे हालात को मेडिकेशन की मदद से इस परेशानी को ठीक किया जा सकता है. Image: Canva शरीर में हार्मोनल इंबैलेंस भी मूड स्विंग की वजह है. शरीर में जब एस्ट्रोजेन का प्रोडक्शन बढ़ता है तब भी यह लक्षण नजर आते हैं. यह समस्या हाइपोथायराइड के कारण भी महिलाओं के इमोशन को प्रभावित करता है. अगर हार्मोनल डिसबैलेंस, हार्मोनल डिसऑर्डर जैसी समस्याएं चलती रहीं और इसे ठीक नहीं किया गया तो हालात बिगड़ सकते हैं.
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