पा रहे भारत के खिलाफ एक तरह का युद्ध छेड़ने की रणनीति बनाई है। इसके तहत उसने सीमा पर झड़पों, साइबर हमले और क्षेत्र का चुपके से विनियोग करने की रणनीति अपनाई है। इसी के चलते वह लगातार भारत के साथ गैर-परंपरागत युद्ध में संलिप्त है।
यह बात अमेरिकी विचारक और लेखक जेनेट लेवी ने अपनी किताब ‘अनरिस्ट्रिक्टेड वॉरफेयर : चाइनाज मास्टर प्लान टू डिस्ट्रॉय’ में लिखे हैं। उन्होंने लिखा है कि चीनी इरादों में सैन्य टकराव से बचने के लिए इन देशों को आर्थिक झटके देना, वित्तीय व्यवस्थाओं को निशाना बनाना, बुनियादी ढांचे को काबू में लेना, साइबर हमले और राजनीतिक प्रचार आदि शामिल हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, यह सब कुछ 1999 में दो चीनी अधिकारियों की सुझाई रणनीति का नतीजा है जो उन्होंने अमेरिका को परास्त करने के लिए चीनी सरकार के सामने रखे थे। इन उपायों में अमेरिकी सहयोगी भारत का इस्तेमाल करना भी शामिल है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इसी रणनीति के तहत वह मुंबई में बिजली संकट, साझा जल संसाधनों के डायवर्जन और भारत के कट्टर शत्रु पाकिस्तान के साथ विश्वास बनाने की कोशिशें की गईं।लेखक जेनेट लेवी ने कहा है कि भारत-चीन का संघर्ष जमीन पर जितना दिखता है, उससे कहीं अधिक गहरा है। यह भारत के...
रिपोर्ट के मुताबिक, यह सब कुछ 1999 में दो चीनी अधिकारियों की सुझाई रणनीति का नतीजा है जो उन्होंने अमेरिका को परास्त करने के लिए चीनी सरकार के सामने रखे थे। इन उपायों में अमेरिकी सहयोगी भारत का इस्तेमाल करना भी शामिल है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इसी रणनीति के तहत वह मुंबई में बिजली संकट, साझा जल संसाधनों के डायवर्जन और भारत के कट्टर शत्रु पाकिस्तान के साथ विश्वास बनाने की कोशिशें की गईं।लेखक जेनेट लेवी ने कहा है कि भारत-चीन का संघर्ष जमीन पर जितना दिखता है, उससे कहीं अधिक गहरा है। यह भारत के...
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