नई दिल्ली: भारत में इस विषय पर रिसर्च किए जाने की बहुत ज़रूरत है. कई लोग मुझे लिखते हैं कि व्हाट्स एप ग्रुप में रिश्तेदारों से बहस करना मुश्किल हो गया है. वो इतनी सांप्रदायिक बातें करते हैं कि उनसे बहस करना मुश्किल हो गया है. ये रिश्तेदार अपनी मूर्खता को लेकर इतने उग्र हो चुके हैं कि इनके सामने बहुत लोग खुद को असहाय पाते हैं. आप कुछ भी तर्क दीजिए, तथ्य दीजिए इन रिश्तेदारों पर कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता है. रिश्तेदार एक व्यापक टर्म है इसमें पिता भी शामिल हैं. उनके लिए अलग से कैटेगरी नहीं बनाई है.
यह भी पढ़ेंपहले की राजनीति सांप्रदायिकता को घर घर नहीं पहुँचाती थी. दंगे होते थे और शहर या राज्य के सीमित लोग इसकी चपेट में आते थे. लेकिन अब इसका व्यापक रूप से सामाजीकरण हुआ है. इसमें इन रिश्तेदारों का बहुत बड़ा योगदान है. ख़ासकर पेंशन पाने वाले रिश्तेदारों में भयानक क़िस्म की सांप्रदायिकता देखी जा रही है. पिछले साल ठीक इसी वक्त में तब्लीग जमात को लेकर रिश्तेदारों ने फ़ैमिली ग्रुप में ज़हर फैला दिया था. उसकी तीव्रता इतनी अधिक थी कि उनके असर में हर घर में एक से अधिक दंगाई तैयार हो गया था.
मेरा सुझाव है. इस तरह की बहसों और फार्वर्ड किए जा रहे पोस्ट की सामग्री जमा करें. ख़ुद ही विश्लेषण करें और दो तीन हफ़्तों के अंतराल पर रिश्तेदार को भेज दें कि ये आपके सोचने का पैटर्न है. किस कैटेगरी के रिश्तेदार हैं, अपने जीवन यापन के लिए किया करते हैं, इनके घर में कौन सी किताबें हैं, क्या पढ़ते हैं, कौन सा चैनल देखते हैं और कितनी देर देखते हैं. फ़ेसबुक पर भी अपने विश्लेषण को पोस्ट करें. रिश्तेदारों की सांप्रदायिकता को लेकर बड़े स्तर पर अभियान चलाने की ज़रूरत है.
कहियों कहींयों भोजपुरी में बोलह महाराज. बारा निक लगे ला. राउर बात ठीक बा. Excellent analysis. Whatspp फेक न्यूज का फैक्ट्री बन गया है. हर नेता, हरेक पार्टी, सभी न्यूज चैनल देश में जहर घोल रहा है.
ऐसे रिश्तेदारों को PrashantKishor का इंटरव्यू देखना चाहिए जो कि बीजेपी, कांग्रेस, जदयू, टीएमसी, और बहुत सी राजनैतिक पार्टियों के साथ काम किया लेकिन उनका ऑब्जर्वेशन है सब बाहरी दिखावा करते हैं अंदर सब एक हैं। सो आपस ने लड़ाई ना करें नेताओ के लिए।
Ek dum sahi ab whatsapp par aise bahut message aate h
Sahi kaha sir, WhatsApp group me fake news spread ki jati h ,youth ki isse dur rhna chahiye or friends family ko aware krna chahiye 😊
रवीश सर लगातार बीमारी पर काम कर रहे हैं जबकि आप और हम बीमार पर उंगली उठाते है,व्हाट्सएप ग्रुप फेक न्यूज़ कि वह जड़ है जहां आम आदमी के पास फेक न्यूज़ की सप्लाई थोक में होती है इसके लिए जागरूक अभियान चलाने की आवश्यकता है जिससे हिन्दू खतरे से बाहर आ सके और तथ्यों पर बात हो msp
तू उन रोहिंगयाओं को जीजा बना ले चलेगा, लेकिन देश में वे अवांछित ही रहेंगे।
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