राम और सीता का अजर-अमर प्रेम ही था, कि रामजी ने उनके लिए समुद्र पर पुल बना दिया।सीताजी का अपने पति राम पर भरोसा ही था, जिसने एक तिनके के भरोसे सीता मां को रावण की बगिया में सुरक्षित रखा।जब राम जी को 14 वर्ष का वनवास हुआ तो सीता जी ने बिना एक पल देर किए उनके साथ जाने का निर्णय लिया।जब सीताजी को वनवास हुआ तो राम इतना दुखी हुए कि महल में रहने और राजा होने के बावजूद वह पत्नी का साथ देने के लिए राजसी ठाठ छोड़कर जमीन पर सोते थे और सादा आहार लेते थे।माता सीता से दूर रहने के बावजूद, राम जी ने अपने पति...
पुरोषत्तम राम कहा गया है।जब माता सीता के चरित्र पर सवाल उठे, तो श्रीराम उन पर विश्वास करते थे, लेकिन माता सीता के कहने पर उन्होंने उन्हें वनवास भेजा।माता सीता ने अग्नि परीक्षा भी अपने पति के मान-सम्मान को बचाने के लिए दी। श्रीराम को उन भर पूर्ण विश्वास था और उन्होंने उनसे कभी कोई प्रश्न नहीं किया।भगवान श्रीराम और माता सीता ने बुरे से बुरे समय में भी कभी एक दूसरे का साथ नहीं छोड़ा। आज के कपल्स को इस आदर्श जोड़ी से यह सीख लेनी चाहिए।भगवान श्री राम और माता सीता से हम रिश्तों और बड़ों के सम्मान की...
मर्यादापुरुषोत्तम राम अटूट प्यार Relationship Lessons To Take From Ram-Sita Love St Commitment And Devotion
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