साथ ही न्यायिक समीक्षा से अलग रखने के लिए सरकार ऐसे सभी मुद्दों को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करे। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार शीर्ष कोर्ट के फैसले के खिलाफ समीक्षा याचिका दायर करने पर विचार कर रही है और इसपर कानूनी राय ले रही है।पासवान ने कहा, 'समीक्षा याचिका दायर की जाएगी, लेकिन मुद्दा फिर कोर्ट में जाएगा। यह देखना चाहिए कि इसमें सफलता मिलेगी या नहीं, इसलिए मेरे विचार से आसान रास्ता अध्यादेश जारी करने के बाद संविधान संशोधन है।' लोक जनशक्ति पार्टी के नेता ने यह टिप्पणी...
एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री पासवान ने कहा, 'सुप्रीम कोर्ट कहता है कि नौकरी में आरक्षण देना राज्य सरकार पर निर्भर है और यह बुनियादी अधिकार नहीं है। लोगों की आपत्ति है कि यह एससी और एसटी के हितों के खिलाफ है।' पासवान ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर इस मुद्दे पर राजनीति करने का आरोप लगाया।इस बीच, एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि जब संसद का सत्र नहीं चल रहा हो उस दौरान अध्यादेश लाया जा सकता है। जारी सत्र के थोड़े समय के विराम की अवधि में भी यदि सरकार अध्यादेश लाना चाहती है तो दोनों सदनों...
Ye aadmi samay per onion ka import nahin ker saka.....a failed minister.
ये इस देश का दुर्भाग्य है यहां पर आरक्षण का होना और इन जैसे नेता मलाई चाट रहे हैं ये भी इसी बलबूते पर जीतते आये है,सरकार से मेरा आग्रह है की आरक्षण को ख़तम कर देना चाहिए या आर्थिक आधार पर किया जाए।
किसी को इतना ही छेड़ो irvpaswan जी कि वो टूटे नहीं। भूलो मत कि गैर दलित का वोट लेकर ही चुनाव जीतते हो। नहीं विश्वास होता तो बिहार चुनाव में हम एक मुहिम चलाते हैं कि आपके खिलाफ किसी मजदूर दलित को चुनाव लड़ाया जाए और सभी लोग उसे जीताए नहीं कि राम विलास पासवान और उसके परिवार को।
जितनी जल्दी हो सके, उत्पन्न संवैधानिक संकट से को दूर किया जाय ।
अब आरक्षण का मानक आधार आर्थिक-स्तर व स्थिति बने।इसे ही उतकृष्ट लोकतंत्र माना जा सकता है।मानव-परिवार के मध्य भेद-भाव कैसा।संपन्न परिवार चाहे जिस जाति-वर्ग से हों,इन्हें आरक्षण से स्वयं को स्वतः अलग कर लेना चाहिए।जनप्रतिनिधि को आमजन का पथ-प्रदर्शक माना गया है।श्रीगणेश स्वागतीय ...।
राम विलास पासवान जी आपने अपने बच्चो को किस स्कूल मे पढाते है सरकारी या प्राइवेट अगर सरकारी से पढाये है तो ट्यूशन किस जाति के शिक्षक से आरक्षण अगर जरूरी तो आप किसी दूसरे जाति से वोट नही मांगे नही दे
Reservations is constitutional right of OBS and SC/ST.no one can ban it
narendramodi don't bring. Let these blackmailers to go into oblivion..
इनके जैसे लोग आरक्षण का कार्ड खेलकर ही सत्ता की मलाई चाटते रहते हैं। फिर इनको इससे कोई मतलब नहीं कि सरकार किसकी है। उसका भविष्य क्या है।
He hardum reservation ke baare m schote hai
Kyu Maharaj zindgi bhar ese hi rahoge ...
इंडिया ताज़ा खबर, इंडिया मुख्य बातें
Similar News:आप इससे मिलती-जुलती खबरें भी पढ़ सकते हैं जिन्हें हमने अन्य समाचार स्रोतों से एकत्र किया है।
स्रोत: Zee News - 🏆 7. / 63 और पढो »
स्रोत: AajTak - 🏆 5. / 63 और पढो »
स्रोत: Zee News - 🏆 7. / 63 और पढो »
स्रोत: AajTak - 🏆 5. / 63 और पढो »
स्रोत: Amar Ujala - 🏆 12. / 51 और पढो »
स्रोत: Amar Ujala - 🏆 12. / 51 और पढो »