"मैं अकेली रह गई, मेरा साथी चला गया. मेरा लाड़ला, मेरे गले का हार था. मैंने छोटे से पालपोस कर बड़ा किया था. मैं तो यही चाहती हूं कि मुझे फांसी लगा दें या उन्हें फांसी लगा दें."
उम्र के इस पड़ाव पर कमज़ोर शरीर, चेहरे पर झुर्रियां और बीते दस दिन से बुखार से जूझ रहीं राधा देवी अपने बेटे के हत्यारों को फांसी देने की मांग कर रही हैं.बीजेपी मुख्यालय नहीं पहुंच पाए अरविंद केजरीवाल, क्या कहा रुआंसे गले से राधा देवी कहती हैं, "गौशाला से घर आया ही था. मैंने खाना खाने के लिए कहा तो बोला अभी आया हूं, कुछ देर में खाउंगा. फिर वह ठंडा पानी लेने टंकी के पास गया."
"मेरा बेटा तो किसी से झगड़ता भी नहीं था. मेरे दो बच्चे कोटपूतली और सीकर में पांच-पांच हज़ार की मज़दूरी करते हैं."राजस्थान: दलित महिला को कथित रेप के बाद ज़िंदा जलाया गया, अस्पताल में मौतजुनैद-नासिर हत्याकांड से चर्चा में आए मोनू मानेसर के गांव से ग्राउंड रिपोर्टरामेश्वर को न्याय दिलाने के लिए झुंझुनूं कलेक्टर को ज्ञापन देकर लौटे ग्रामीणों में गांव के ही एक शख्स जेठूराम ने बताया कि रामेश्वर के साथ उन्हें भी ही किडनैप कर सुनसान हवेली पर ले जाया गया था.
"उनमें से ही एक वीडियो बना रहा था, वह बिल्कुल बेखौफ थे. वे शाम करीब छह बजे तक पीटते रहे. बेहद बेरहमी से पीटा गया रामेश्वर को." "उन्होंने कहा कि इसे उतरवा गाड़ी से, यह बेहोश हो गया है. इसके घर वालों को बता देना. मैंने डरते-डरते उतरवा कर इधर आ गया. मैंने उन लोगों से डरते हुए रामेश्वर को उतारा रामेश्वर के ऊपर बदन पर कपड़े नहीं थे."रामेश्वर के बड़े भाई कालूराम कोटपूतली में रह कर मजदूरी करते हैं. घटना की जानकारी मिलने पर घर आए हैं.
लेकिन, सुशील कुमार ने ठेका चलाने के लिए अवैध रूप से अभियुक्त चिंटू को दिया था. चिंटू अपराधी प्रवृति का है जिस पर सूरजगढ़ थाने में कई मुक़दमे दर्ज हैं.बलौदा ग्रामपंचायत है, इसके पंचायत कार्यालय के पास खड़े कालू शर्मा कहते हैं, "बीस दिन पहले इन्हीं लोगों ने जीतू और पवन को भी पीटा था और मुझे मुर्गा बनाया था. यह सब कहते थे कि हमारे ठेके से शराब खरीदो."
मनीष कहते हैं, "मैं गांव के लोगों के पास गया मदद मांगने लेकिन सभी ने कहा कि सूरजगढ़ जाओ पुलिस के पास. लेकिन, पुलिस थाने जाने की हिम्मत नहीं जुटा पाया. मुझे डर था कि पुलिस के पास गया तो यह न जाने क्या कर देंगे." झुंझुनूं ज़िला आबकारी अधिकारी अमरजीत सिंह बीबीसी हिंदी को बताते हैं कि, "बलौदा गांव के शराब ठेके की पचास लाख रुपए गांरटी है. यानि कि विभाग के नियमानुसार शराब ठेकेदार यदि साल में पचास लाख रुपए की शराब नहीं बेचता है तो उस पर पेनाल्टी लगाई जाएगी."
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