। हाल में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत से जमीयत उलेमा-ए हिंद के प्रमुख मौलाना अरशद मदनी मिलने गए। इस मुलाकात ने देश का ध्यान खींचा और उस पर व्यापक चर्चा हुई। इस मुलाकात के बाद जमीयत उलेमा- हिंद के प्रमुख मौलाना अरशद मदनी ने इस बारे में मीडिया को बताया कि भीड़ की हिंसा, राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर जैसे विषयों पर बात हुई। उन्होंने यह भी कहा कि जमीयत सावरकर और गोलवलकर के विचारों से सहमत नहीं...
दूसरी ओर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रवक्ता की ओर से बयान आया कि संघ राष्ट्रीय एकता और शांति के लिए काम करता है और जो भी इसमें भाग लेना चाहे उसका स्वागत है। स्वभावत: मदनी के बताए बिंदुओं पर मीडिया में कुछ ऐसी टिप्पणियां आईं जिससे यह संदेश उभरा कि मुस्लिम पक्ष पीड़ित और अन्य पक्ष उत्पीड़क है। आखिर ऐसा संदेश उभरना या फिर उभारा जाना कहां तक उचित है?
क्या हिंदुओं को जिहाद, बलात या छलपूर्वक धर्मांतरण एवं अन्य मतवादी गतिविधियों से कोई शिकायत नहीं? क्या कश्मीर में अलगाववाद, मजहबी कट्टरता, लव-जिहाद, कैराना जैसी गतिविधियां, संयुक्त राष्ट्र को भारत सरकार के विरुद्ध चिट्ठी लिखना सही है? ऐसी मुलाकातों का एकतरफा और गलत संदेश जाना दुर्भाग्यपूर्ण है।यह देशहित दृष्टि से भी अनुचित है कि पीड़ित को उत्पीड़क बताया जाए और उसका प्रतिवाद भी न हो। मौलाना मदनी ने संवाद का उपयोग एक तरह से हिंदुओं और सरकार पर आरोप लगाने में किया, जबकि हिंदुओं की शिकायत पर कोई बात न...
राजनीति में एकतरफापन कभी द्विपक्षीय भलाई नहीं करता। हिंदू-मुस्लिम संवाद चलाने का सही आधार हमें स्वामी विवेकानंद, रवींद्रनाथ टैगोर, श्रीअरविंद जैसे मनीषियों की शिक्षाओं में मिलता है। संवाद करने वाले की मनोवृत्ति के अनुरूप संवाद होना चाहिए। एक पक्ष केवल अपने मतवाद, विशेषाधिकार की जिद रखे तो दूसरे को उसकी गलती बतानी दिखानी चाहिए। इस पर चुप्पी से उसे कमजोर या गाफिल समझा जाता है। फलत: दूसरा पक्ष अपनी मांग बढ़ाता जाता है। गांधीजी ने यही गलती की थी। वह यह देख ही नहीं सके कि उनकी उदारता को दूसरा पक्ष...
hesivh BJP4India मुसलमान भाईयों को भी अपना मन बड़ा करना होगा, एक बार मन में विचार करें कि वह उस हिंदुस्तान में रहते हैं जो हिंदू बहुल्य राष्ट्र है, हम हिंदू तो विचार रखते हैं कि हिंदू राष्ट्र के नाते मुसलमान भाईयों की सुरक्षा हमारा दायित्व है। आप भी हमारे जैसा विचार रखें सुदृढ़ समाज होगा
hesivh BJP4India आप गलत दिशा में जा रहें है रुक जाएँ जिहाद का एक ही काम है काफिरों को हलाक करना। जब ये शांतिदूत मीठा बोले तो समझ जाएं की ये अल तकिया है।
hesivh BJP4India भारत का रहन सहन और संस्किरिती ही भारत का धर्म है।जिसमे हिन्दू मुसलमान सब है।भारत माँ का पूजा हम सब मिल जुल के करते है।
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