रजनीकांत: राजनीति में आने में जिन्हें 25 साल लग गए - BBC News हिंदी

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रजनीकांत: राजनीति में आने में जिन्हें 25 साल लग गए

रजनीकांत ने इस गठजोड़ का खुलकर समर्थन किया. ये पहला मौक़ा था जब रजनीकांत ने किसी पार्टी के लिए अपने समर्थन का एलान किया.एआईएडीएमके की सरकार के प्रति उस समय लोगों के मन में काफ़ी असंतोष था. इससे डीएमके को राज्य के चुनाव में शानदार जीत मिली और वो सत्ता में आई. कहा जाता है कि इस जीत में रजनीकांत के समर्थन ने अहम भूमिका अदा की थी. उनके फ़ैंस ने चुनावों के दौरान डीएमके गठबंधन और मूपनार पार्टी के उम्मीदवारों के समर्थन में काम किया.

साल 2004 में जब बाबा फ़िल्म बनी, उसमें रजनीकांत के धार्मिक नेतृत्व और पॉलिटिक्स में एंट्री को दिखाया गया. लेकिन डॉक्टर रामदॉस के नेतृत्व में पीएमके पार्टी ने इस फ़िल्म की स्क्रीनिंग में बाधा डाली. फिर साल 2014 में नेशनल डेमोक्रेटिक एलायंस ने संसदीय चुनावों में नरेंद्र मोदी का नाम प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर आगे बढ़ाया. मोदी ने चेन्नई में रजनीकांत के आवास पर मुलाक़ात की.

साल 2014 में ही तत्कालीन मुख्यमंत्री जयललिता को जब आय से अधिक सम्पत्ति के मामले में 14 दिन के लिए जेल भेजा गया, इस बारे में उनकी राय पूछे जाने पर रजनीकांत ने बस एक शब्द कहा और वो शब्द था- "हैप्पी".पांच दिसंबर 2017 को बीमारी की वजह से जयललिता का निधन हो गया. करुणानिधि ख़राब सेहत की वजह से सक्रिय राजनीति से दूर होने लगे और सात अगस्त 2018 को उनका भी निधन हो गया.

 

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