सरकारी नौकरियों और प्रतियोगी परीक्षाओं में भी मुसलमानों की भागीदारी कम है और स्कूलों से ड्रॉप आउट रेट ज़्यादा है.
आज़मगढ़ में जामिया मिल्लिया इस्लामिया से इलेक्ट्रॉनिक्स में मास्टर्स करने वाले अहमद वक़ार के मुताबिक़ लोगों को लगता है कि सरकारी नौकरियाँ उनके लिए नहीं हैं, इसलिए बहुत सारे लोग मध्य-पूर्व का रुख़ करते हैं. वक़ार याद करते हैं कि बाटला हाउस की घटना के बाद बच्चों ने बाहर जाना बंद कर दिया, बच्चों की पढ़ाई पर असर पड़ा, लड़कों को बाहर किराए पर कमरे मिलने बंद हो गए.45 साल शिबली अकादमी में काम करने वाले सीनियर फ़ेलो प्रोफ़ेसर उमैर सिद्दीक़ी अपना उदाहरण देते हैं.
एक तरफ आम मुसलमान की शिक्षा के सीमित संसाधनों का सच है, तो दूसरी तरफ इस समुदाय पर आरोप है कि वे अपने बच्चो को आधुनिक शिक्षा के बदले पढने के लिए मदरसे भेजते हैं, जहाँ पढ़ाई का स्तर अच्छा नहीं होता. वहाँ पढ़ने वाले बच्चों को इस्लाम के बारे में तालीम तो मिलती है, लेकिन तेज़ रफ़्तार दुनिया में वो पिछड़ जाते हैं.
उससे पहले 2012 के चुनाव में 403 सीटों वाले विधानसभा में 69 मुस्लिम उम्मीदवार चुन कर आए थे, जो अब तक का रिकॉर्ड है.पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने एक भी मुस्लिम उम्मीदवार को टिकट नहीं दिया, इसके बावजूद पार्टी को 310 सीटें हासिल हुईं. सभी दलों के 86 फ़ीसदी मुस्लिम उम्मीदवार बीजेपी उम्मीदवारों से हार गए.
कुछ मुसलमानों ने आरोप लगाए कि जहाँ समाजवादी पार्टी मुसलमान वोटों की उम्मीद रखती है, अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली पार्टी ने नए मुस्लिम जन-प्रतिनिधियों को खड़ा करने के लिए कोई ख़ास प्रयास नहीं किए. साल 2017 में एआईएमआईएम का प्रवेश हुआ. पार्टी ने स्थानीय निकाय के चुनाव में जिन 38 सीटों पर चुनाव लड़ा, उनमें से वो एक भी सीट नहीं जीत पाई. इस बार पार्टी 100 सीटों पर लड़ने का सोच रही है.
बासित अली मुसलमानों को भी नसीहत देते हैं,"मुसलमानों को भी तय करना होगा कि बीजेपी को जिताने में उनकी हिस्सेदारी भी हो. बीजेपी सबको साथ लेकर चल रही है लेकिन अब वक़्त आ गया है कि कांग्रेस के ख़ूनी पंजे और समाजवादी पार्टी के विनाशकारी साइकिल के चंगुल से बाहर निकल कर बीजेपी की विकास वाली सोच के साथ चलें." वो कुछ दक्षिणपंथी हिंदू संस्थाओं से भी भयभीत हैं, जो उनके अनुसार 'घर वापसी' और 'लव जिहाद' की आड़ में मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाते हैं
बातचीत के दौरान उन्होंने गर्व से बताया कि 'लव जिहाद' की मारी क़रीब 550 लड़कियों को उन्होंने 'समझा-बुझाकर उनके परिवारों के पास पहुँचाया' और 125 मुस्लिम लड़कियों की हिंदू लड़कों से शादी करवाई.वो कहते हैं,"दुनिया में जहाँ-जहाँ इस्लाम को मानने वाले लोग हैं या तो वो ग़ैर-धर्म के लोगों को मार रहे हैं, काट रहे हैं या फिर एक दूसरे की गर्दन काट रहे हैं."
Isme sabse bda yugdan godi midya ka h ye bhut pahele se ho rha h
मैं नहीं जानता की मुस्लिम बहुत अच्छा है या बुरा है मगर मैं इतना जरूर जानता हूं कि मुस्लिम जब भी कुछ बोला है हिंदुओं को मारने की काटने की बात ही बोला है और हिंदुस्तान के अंदर और एक मुसलमान राष्ट्र बनाने की बात की है।
BBC 🖕🖕🖕🖕
अबे ओं बीबीसी तू जा कर ब्रिटेन की खबर ले कोरोना से बोरिक्स जोहन्सन परेशान हो रहा हैं। वहाँ पर कोरोना की हालत बहुत खराब हैं। बीबीसी को भारत मे मुस्लिम हिंदु करने में मजा आता हैं। और हम पागलो की तरह हिंदु मुस्लिम करते रहते हैं और ये गोरी चमड़ी वाले मजे लेते हैं
Kitni buri hai yeh itihaas batata hai,,, ISIS hi ek udaharan hai
आतंकवाद और कट्टरता सिर्फ तब तक है जब मुस्लिम ऐसा करे । जब दूसरे करे तो यह संस्कृति और धर्म रक्षा हो जाता है । जब धर्म ग्रन्थ अन्याय का विरोध करने के लिए कहे तो एक ग्रन्थ की संदर्भ सहित व्याख्या होती है और दूसरे की भर्त्सना ।
वही आजमगढ डाक्टर जावेद का बेटा बटला हाउस के आतंकी संगठन मे था विदेशी मिडिया सिर्फ जहर ही घोला है
सबको अपने कार्यों का स्वयं परीक्षण करना होता है अन्यथा इतिहास उन्हें कभी माफ नहीं कर पाता। हाथ की हर चार ऊंगलियां आत्मनिरीक्षण का संकेत देती हैं।
अब झुठ फैलाने और हिंदुओं को बदनाम करने के लिए ही तो बीबीसी चैनल चलता है इसका नाम हिंदी है पर काम ये उर्दू के लिए करता है
आपके सांसद तो बीजेपी की गोद में बैठ गए।
SHAYAD inn Jaise HALAT SE nipatne k liye ALLAH SUBHAN WA TALA NE ILM HASIL KARNA HER MARD AUR AURAT PER FARZ KIYA HAI.
Today's prime time ndtv.
ma**hudoa BBC wala Sahi bol raha hai
सोशल मीडिया को धन्यवाद पूरी दुनिया में क्या हो रहा है आज सबको सब पता है।
पहले हिंदुओ में ज्ञानी लोग शिक्षा देने वाले गुरु होते थे। आज के हिंदुओ ने नेताओ को ही अपना गुरु बना लिया है। इसलिए उनका धर्म अधर्म की ओर जा रहा है।
एक धर्म को टारगेट करके और झूठा भय दिखाकर वोट हासिल करना और सत्ता की मलाई खाना एक पार्टी का सफल फार्मूला है। ये फर्जी नेता अपने काम के आधार पर एक सीट भी निकालने की स्थिति में नहीं हैं।
As usual BBC trying best to show India as a communal country...... anyways it has lost credibility so no one takes BBC reports seriously
is an anti national channel they show india in a very bad image
BBC always wanted to disturb and maling image of India
BBC वाले खुद देख सकते है कमेंट में लोगो में कितनी नफ़रत भरी जा चुकी हैं या पहले से थी ।
ध्यान से देखो बीबीसी के ट्वीट सिर्फ मुस्लिम के समर्थन में मुस्लिम न्यूज़।।।। और हिन्दू के विरोध में इसके ट्वीट होते है सभी लोग हर ट्वीट पर गौर करें इसके ऐसा क्यों है क्योंकि इसके पत्रकार वामपंथी है या मुसलमान है और ये एजेंडा चलाते हैं यहां पर ।बीबीसी जेहाद का अड्डा
Kuch logo ki galti ki saza, puri Kom ko nhi milni chaiye...
यही तो ताऊ आत्मावलोकन का समय है। मुस्लिम बुद्धिजीवियों को हलवा-ए-हिंद का दिवास्वप्न छोड़ समझना ही होगा कि सह-अस्तित्व के बिना अस्तित्व संभव ही नहीं।इतनी वैश्विक आतंकवादी घटनाएं होती हैं,उनका समाज के अंदर से कोई गंभीरता से विरोध नहीं करता बल्कि दूसरों के मामलों को लेकर यहाँ पंगा..
बकवास ब्रोडकास्टिंग कारपोरेसन और क्या लिख सकता है!! सिर्फ कचरा!! एक और आपके लिए पेश है!! मैं तो कचरा नहीं पढ़ता हूं! आप लोग भी मत पढ़िए! कचरा, कचरे के ढेर के लिए है!!
यह रिपोर्ट बीबीसी की नहीं है यह रिपोर्ट सिर्फ पाकिस्तान के हुक्मरानों की है हिंदुस्तान के अंदर आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा हमारे देश के वफादार मुसलमान भाइयों और बहनों के लिए जो किया है वह आज तक किसी भी सरकार ने नहीं किया जो गद्दार मुसलमान भाई है उनके लिए कोई ज
10 मार्च का दिन होगा 11 मार्च को अहमद वकार सुबह जेल के अंदर होगा
सब मिले हए है बम फोड़ो, दंगा करो
victam card 😭🤣🤣🤣
अब ज़रूरत है कि अपने बच्चों को वकील और डाक्टर बनायें जैसे भी हो।
Ye sb bjp netao ke nafrat felane se h
BBC news channel ko hindustan se bhagao
बच्चो के हाथ मे कलम,किताब थमा दो,ये सब बदला ले लेंगे गोड़सेपुत्रो से अम्बेडकरवादी,गांधीवादी,भगतसिंह, आजाद पुत्र कभी हारा नही करते है !!?
वास्तविकता है कोई डाला नही तुमलोग खुदको साबित किया है हम वही है
अहमद वकार शायद भूल गए हैं कि एक समय ऐसा भी गुजरा है जब आजमगढ़ 'फैक्ट्री' के रूप में विकसित हो गया था और आए दिन वहां से कोई न कोई गिरफ्तार होता था। सौभाग्य से आजमगढ़ से ऐसी सूचनाएं नहीं आतीं।
जुबैर अहमद कभी कश्मीरी हिंदुओं के हालात भी दिखा दो? कुत्ते साले फिरंगियों का नांड़ चाटने वाले चले हैं हिन्दुस्तानियों को सीखाने।
तालिबानी ओ की ओलाद ओर माओवादियों की ओलाद में कोई फर्क नही है ।
जिस मजहब की पवित्र किताब में ये लिखा हो की मुसलमान को छोड़ सब काफिर है और काफिरों का कत्ल जायज है । अन्य धर्म के लोग भले ही कितने अच्छे काम कर लें पर वो जन्नत नही जा सकते है। क्योंकि वो मुसलमान नही है। जन्नत तो केवल मुसलमान जायेगा। भले ही उसके कर्म अच्छे न हो। भाई=चारा।
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