उत्तर प्रदेश के एटा में एक ढाबा मालिक सहित कर्मचारियों को झूठे केस में फंसाने के मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस ने एक उच्चस्तरीय जांच के बाद तीन पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है.के अनुसार, एटा के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राहुल कुमार ने जब अपनी जांच में पाया कि पिछले महीने एक ढाबे के कई ग्राहकों सहित 10 लोगों को झूठे मामलों में फंसाया गया तब मंगलवार को एक इंस्पेक्टर और दो हेड कॉन्स्टेबल के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई.
इसके बजाय कथित तौर पर शराब के नशे में चूर दोनों पुलिसवालों ने पुष्पेंद्र और उनके चचेरे भाई की पिटाई कर दी. ढाबे से जाने के बाद वे दोबारा तीन गाड़ियों में करीब 15 अन्य पुलिसवालों के साथ आए. पुलिसवाले पुष्पेंद्र, उनके चचेरे भाई और आठ ग्राहकों को कोतवाली देहात पुलिस स्टेशन लेकर गए, जहां उनके खिलाफ एक एफआईआर दर्ज की गई.
ढाबा मालिक प्रवीण यादव ने कहा कि उन्हें इसलिए छोड़ दिया गया, क्योंकि वह शारीरिक रूप से अक्षम हैं और इससे अदालत पुलिस की मुठभेड़ की कहानी पर सवाल उठा सकती थी. यादव के अनुसार, पुलिसवालों ने कहा कि इस लंगड़े के चक्कर में एनकाउंटर फर्जी लगेगा. एफआईआर में पुलिस ने दावा किया कि उन्होंने छह अवैध हथियार, 80 लीटर अवैध शराब और दो किलो प्रतिबंधित सामग्री बरामद की.
ऐसे ओर बी की दलित और मुस्लिम , अदीवसी जेलो में बंद हे
Uppolice के लिए यह सब आम बात है, फर्जी मुठभेड़,फर्जी एनकाउंटर, फर्जी मुकदमे, गलत विवेचना.. आदि ये सब इनके ट्रेनिंग का हिस्सा है।
यूपी मैं जगेल राज
राष्ट्रपती शासनकी मांग भाजपा करेगी जो महाराष्ट्र मे रोज आये दिन करते है गल्ली से दिल्ली तक
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