शिक्षकों और कर्मचारियों के आक्रोश के बीच योगी सरकार ने लगातार तीसरी बार हड़ताल पर रोक लगाने वाला कानून एस्मा लागू कर दिया है. यह कानून अगलेइसके पहले भी दो बार इस कानून को लागू किया जा चुका है. शिक्षक और कर्मचारी संगठनों ने एस्मा लागू किए जाने का तीखा विरोध किया है और इसे आपातकाल बताया है.
यह सही है कि उत्तर प्रदेश के किसी भी संगठन ने हड़ताल पर जाने की घोषणा नहीं की थी लेकिन सरकार के खिलाफ शिक्षक-कर्मचारियों में इस समय बड़ी नाराजगी है. नाराजगी का एक कारण तो पहले से लंबित उनकी मांगों पर कोई कार्यवाही नहीं होना है. वहीं, माध्यमिक शिक्षक संघ की ओर से कहा गया है कि माध्यमिक विद्यालयों के 425 शिक्षकों-कर्मचारियों की कोविड संक्रमण से मौत हुई है.
कोविड की पहली और दूसरी लहर में उन पर कई अतिरिक्त कार्य सौंप दिए गए लेकिन उनकी सुविधाओं और मानदेय में कोई वृद्धि नहीं की गई.
अबे तो उठाओ ना, तुम लोग के डर ने यहां तक पहुंचा दिया अब क्या गंगा किनारे पे अपनी मजार देख कर शुरू होगे?
चुप रहो इसलिए क्योंकि तुम ने सरकारी नौकरियों पर अवैध रूप से अतिक्रमण कर रखा है/तुम लोकतंत्र के बहुमत को बंधक बना रखा है. manuvadi organization
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