यूपी ने प्रियंका की लीडरशिप को नकारा: डेब्यू में तुरुप का पत्ता फ्लॉप..
यूपी ने प्रियंका की लीडरशिप को नकारा: डेब्यू में तुरुप का पत्ता फ्लॉप.. पढ़िए कांग्रेस की हार की कहानीआगे बढ़ने से पहले चर्चा कर लेते हैं उनकी, जिनके बिना यूपी में चुनाव पूरे नहीं होते। बाहुबलियों की। भास्कर ने चुनाव के दौरान यूपी के बाहुबलियों पर लगातार रिपोर्ट्स की हैं। जो बेहद दिलचस्प हैं।37 साल से यूपी में किसी पार्टी की लगातार दूसरी बार सरकार नहीं बनी। 1985 में कांग्रेस लगातार दूसरी बार यहां चुनाव जीती थी। इस सरकार का टर्म पूरा होने के अगले करीब 19 सालों तक राज्य में हंग असेंबली रही। 2007 से हर 5 साल बाद सरकार बदली है। पहले मायावती फिर अखिलेश और फिर योगी सीएम बने। इस बार फिर भाजपा की सरकार बनती दिख रही है। उत्तर प्रदेश में 37 साल में पहली बार ऐसा होगा। देश में कर्नाटक, उत्तराखंड, हिमाचल और राजस्थान में भी लंबे अरसे से ऐसा ही ट्रेंड है।
6. चुनावी वादे और उनका हाल, भाजपा-सपा-कांग्रेस सभी पार्टियां इन्हें भूल जाती हैं भाजपा ने UP में 16 पेज का ‘लोक कल्याण संकल्प पत्र’ जारी किया है। इसमें 5वें पेज से 12वें तक घोषणाएं हैं। इन 7 पेज में 10 मुद्दों पर 130 ऐलान किए गए। इनमें लड़कियों को मुफ्त स्कूटी, महिलाओं को 2 LPG सिलेंडर, मुफ्त बिजली और लव जिहाद पर लगाम जैसे वादे किए गए हैं। अब जरा पिछले यानी 2017 के वादों की बात करें तो 28 जनवरी 2017 को भाजपा मेनिफेस्टो लाई थी। इसमें 10 विषयों पर करीब 100 वादे थे। भाजपा का दावा है कि सारे वादे पूरे हो गए। 7 बड़े ही जरूरी वादों का एनालिसिस किया तो पता चला कि 3 में 1% काम भी योगी सरकार में नहीं हुआ और 4 पर 10% से भी कम काम हो सका। ने वोटिंग से ठीक 40 घंटे पहले सपा मेनिफेस्टो का ऐलान किया। कुल 88 पेज, 22 विषय और 1000 से ज्यादा वादे। सबसे अहम वादों का एनालिसिस किया तो पता चला सवा करोड़ लैपटॉप देने का वादा किया है। जब सरकार थी तब 6 लाख दिए थे। 300 यूनिट बिजली मुफ्त का वादा, सरकार थी तो विभाग घाटे में था। स्कूलों को टेबल-कुर्सी से लैस करने की बात कही। जब सरकार थी तो 68 हजार स्कूल में बेंच नहीं थी।ने वोटिंग से 18 घंटे पहले अपना मेनिफेस्टो जारी किया। वादा किया कि कोरोना प्रभावित परिवार को 25 हजार रुपए की मदद की जाएगी। जबकि, योगी सरकार 50 हजार रुपए की मदद पहले से कर रही है। ठीक इसी तरह वृद्धा और विधवा पेंशन 1000 करने की बात कही। योगी सरकार ने पेंशन को दिसंबर 2021 में ही 1000 कर दी है। दो लाख शिक्षकों की भर्ती का वादा किया, अभी खाली पद ही महज 73 हजार हैं।यूपी में नेताओं के बयान, पार्टियों की कैंपेनिंग, उनकी रणनीति कितना काम आएगी, ये तो नतीजों से साफ होगा। आप जान लीजिए उन चेहरों को जो सामने नहीं आए, लेकिन हर कदम-हर चाल के पीछे दिमाग उनका ही था। ये हैं पार्टियों के सिपहसालार, जिन्हें स्ट्रैटजी तैयार की और उसे जमीन पर उतारा।दैनिक भास्कर ने यूपी के 5 अलग-अलग शहरों में अपनी डेमोक्रेसी वॉल खड़ी की। इसके पीछे हमारा मकसद था कि चुनाव के दौरान युवाओं और आम लोगों को अपनी बात रखने का एक मौका मिल पाए। हम उन तक पहुंचे और वॉल पर लिखी उनकी बातों को एक-एक कर लाखों लोगों तक पहुंचाया भी। एक अहम बात जो इस डेमोक्रेसी वॉल के जरिए पता चली, वो ये कि युवाओं का झुकाव नोटा की तरफ ज्यादा है।
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