19 और 20 दिसंबर 2019 को लखनऊ में CAA के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन हुए.इस मामले में UP पुलिस ने लखनऊ में 57 लोगों को नोटिस भेजा थामें नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान कथित रूप से हिंसा फैलाने वालों के पोस्टर लखनऊ में लगाए जाने का मामलापहुंच गया है. उत्तर प्रदेश सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से पक्ष रखते हुए कहा कि जिनके पोस्टर लगाए गए हैं वे सभी 57 लोग हिंसा में शामिल थे.
जस्टिस बोस: कोई व्यक्ति कुछ भी कर सकता है जो कानूनन मना हो लेकिन सरकार वही कर सकती है जो कानून में हो जस्टिस यू यू ललित: हम आपकी चिंता को समझ सकते हैं. तोड़फोड़ करने वालों पर कार्रवाई होनी चाहिए लेकिन क्या आप दो कदम आगे जाकर ऐसे कदम उठा सकते हैं? तुषार मेहता: हमने आरोपियों को नोटिस जारी करने के बाद फैसला लिया कि 57 लोग आरोपी हैं जिससे वसूली की जानी चाहिए.
Uppolice myogiadityanath हाई कोर्ट,सुप्रीम कोर्ट के जज्ज अब सरकारसे अछे काम पर कायदे के कलम पूछने लगे है।उनसे अब जनता को पूछना चाहिए शाइन बाग को अब तक क्यो हटाया नही गया।क्यो कोर्ट के मध्यस्थता फेल हुवे।क्यो अब तक रोड खुल्ले नही कर पाए।सूफ़ियानी बातें सिखाना अलग है।ऐसे दंगाईयो के सामने कारोभार चलाना अलग
Uppolice myogiadityanath Supreme Court agar Jogi ke khilap faisla deti hai, yah pura taya ho jayega ki Gaz-wa-e-Hind ke muhim main Supreme Court Musalmano ke saath hai aur sab saale ISIS ke kutte hain.
Uppolice myogiadityanath दंगाईयो का पक्ष लेने के लिए सब तैयार । पर दंगाई अगर किसी का घर जलाये तो पीड़ित के पक्ष में कोई नहीं खड़ा है । बहुत बड़ी विडम्बना है । दंगाई अगर दंगा करे तो किस नियम के तहत उन पर कठोर कार्यवाही की जा सकती है सुप्रीम कोर्ट सर्कार को बताये ।
Uppolice myogiadityanath Agar yogi sahi hota tho honable supirim cort yogi k side hi sunate faisla acha kiya
Uppolice myogiadityanath दंगाइयों के हौसले बुलंद करने वाला फैसला।
Uppolice myogiadityanath POSTERS NAHI HATENGE. JAI HO YOGI JI KI.
Uppolice myogiadityanath कोठा तो कोठा होता है, उसको क्या देश जले या देशवासी मरें, उनको AC में बैठ कर फैसला सुनाना है।
Uppolice myogiadityanath विधिव्यवस्था राज्य सरकार का विषय होता है। संवैधानिक संकट भले उत्पन्न हो पर राज्य सरकार को दोषियों पर कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करनी चाहिए। कार्यपालिका के कार्यक्षेत्र में, जब विषय गंभीर हो, न्यायपालिका का इस तरह संज्ञान लेकर हस्तक्षेप करना, अपराध को बढ़ावा देना है।
Uppolice myogiadityanath इस तरह की कानून प्रणाली से विश्वास उठने लगा है
Uppolice myogiadityanath कोर्ट योगी सरकार से पूछ सकता है कि कोनसे कानून के तहत पोस्टर लगाए , पर क्या कोर्ट ने दंगाइयों से भी पूछा कि कोनसे कानून के तहत दंगे , आगजनी , सरकारी संपत्ति को नुकसान , ये सब किया । जब तब इस देश मे न्यायिक प्रणाली में समूल परिवर्तन नही होता , अपराधियों के हौंसले बुलंद रहेंगे ।
Uppolice myogiadityanath Hope Supreme Court give judgement in favor of the state Govt. nothing wrong in people knowing who are the wrong people and what wrong they are doing to the NATION.
Uppolice myogiadityanath When state govt takes strict action judiciary system interventions are bad and give more power to accusers than victims Judiciary system has history of helping criminals and terrorists than victims 👏👏👏
Uppolice myogiadityanath यह तो ऐसा है कि मामले को लंबित कर दो। प्रदर्शनकारियो को बल्ले बल्ले का मौका दे दो। शाहीन बाग़ में बिल्कुल उल्टा? वहां कानून का कोई माई बाप नही?
Uppolice myogiadityanath Court दंगाइयों के पच्छ में जान तक झोक रही है यही दुर्भाग्य है हमारे देश का।जहाँ न्याय व्यवस्था ही दंगाइयों के साथ खड़ी है उस देश का विकास कैसे हो सकता है
Uppolice myogiadityanath 887
Uppolice myogiadityanath PM Modi crushed Few corporate & CEO & Politicians nexuses since 2004 to 2014 4.lakh crores recovers fom NPA acs out of 10.5 Lakh crores congress led opposition looted and destroyed Kashmir & India its now Faishon grab public money go to jail & and out on bail like P chidambram
Uppolice myogiadityanath बड़ी बेंच को भेजना तो ठीक कदम है । झटका कैसे हुआ भाई ?
Uppolice myogiadityanath दंगाई के नुकसान की भरपाई जजो की सैलरी से करो। कब तक जनता से पैसे ले रहोगे
Uppolice myogiadityanath गुनाहगारों की पहचान जनता से छुपाना या छुपाने के प्रयास करना भी एक अपराध है सुप्रीम कोर्ट बताये के इसकी क्या सजा होनी चाहिये
Uppolice myogiadityanath बीच सड़क तम्बू गाड़कर प्रोटेस्ट करना किस नियम के तहत आता है?ये ग़ैरकानूनी है तो शाहीनबाग़ खाली कराने को लेकर तारीख पर तारीख क्यों?दंगे के आरोपियों की निजता की इतनी चिंता है कि स्वतः संज्ञान लेकर एक दिन में निर्णय आ सकता है तो लाखों लोग रोज़ परेशानी झेल रहे हैं उनकी अनदेखी क्यों?
Uppolice myogiadityanath झटका नहीं... बेईज्जती किया है।
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