अंजलि सिंह राजपूत/लखनऊ: शमशान घाट को लेकर अक्सर लोग यह कहते हैं कि रात में यहां नहीं जाना चाहिए. यहां भूत प्रेत दिखाई देते हैं और यहां जाने वाले के पीछे नकारात्मक शक्तियां लग जाती हैं. लेकिन लोकल-18 ने लखनऊ शहर के 100 साल से भी ज्यादा पुराने गोमती नदी के किनारे बने हुए बैकुंठ धाम यानी शमशान घाट जाकर यह देखना चाहा कि आखिर रात में यहां का माहौल कैसा होता है, तो करीब 11 से 12 के बीच में पाया कि यहां पर जो लोग शाम 5:00 बजे चिता जला कर गए थे, वो रात 12:00 तक भी जल रही थीं, उनमें आग थी.
इसलिए करते हैं चिता साधना अघोरी तपस्वी स्वामी ईशानानंद ने बताया कि लखनऊ का बैकुंठ धाम यानी शमशान घाट की आग कभी बुझती नहीं है, क्योंकि यहां रोज 20 से 25 लाशें जलाई जाती हैं. यहां की तपस्या और साधना अघोरी बाबा की सफल मानी जाती है, इसलिए वह यहां पर हर अमावस्या और हर रविवार को चिता साधना करते हैं.
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