यदि एक माह भी हम गांधी जी जैसे जी सकते हैं, तो यही होगा गांधी जयंती पर उनके प्रति सही स्मरण

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यदि एक माह भी हम गांधी जी जैसे जी सकते हैं, तो यही होगा गांधी जयंती पर उनके प्रति सही स्मरण MahatmaGandhi jagraneditorial Speaker_UPLA

अव्याख्येय की व्याख्या असंभव। तब शब्द, उदाहरण, प्रतीक और प्रतिमान काम नहीं आते। इतिहास में साधारण से असाधारण हो जाने वाले व्यक्तित्वों की सूची बड़ी है, लेकिन साधारण से सर्वोत्तम साधारण होने का उदाहरण केवल गांधी जी हैं। गांधी विश्व इतिहास की सर्वोत्तम अभिव्यक्ति हैं। वह गृहस्थ थे। महात्मा थे। वेदांती थे। राजनीतिक कार्यकर्ता थे। आंदोलनकारी थे। सत्याग्रही थे। सत्य प्रयोग के अभ्यासी थे। दुनिया के सबसे बड़े साम्राज्य से टकरा रहे थे। ब्रिटिश सभ्यता और संस्कृति को उसके ही मैदान में ललकार रहे थे।...

ब्रह्मपुत्र नदी का वर्णन किया, ‘नदी की भव्य शांति मनोहर प्रतीत होती है। बादलों में छुपा चंद्र जल को प्रकाशित कर रहा है, लेकिन मेरा मन अशांत है।’ दुनिया बदलने के इच्छुक व्यक्ति की चित्त अशांति स्वाभाविक है।गांधी जी लक्ष्य और साधन दोनों की पवित्रता के पक्षधर थे। लिखा है कि साधन बीज है और साधन प्राप्त किए जाने का माध्यम पेड़ है। बीज और पेड़ के संबंध आत्मीय हैं, वैसे ही साध्य और साधन के संबंध हैं।’ आत्मबल भारतीय सभ्यता का सार है। गांधी जी ने इसे सभ्यता की मस्ती और खुमारी कहा है। यहां भारतीय सभ्यता की...

 

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Speaker_UPLA Very nice to very much for all

Speaker_UPLA तुम्हें पर पर्चे काले करने है भगतसिंह की जयंती पर ऐसा कुछ लिखा तुमने कमीनों

Speaker_UPLA Yadi koi young h to usko laathi lena jaroori h kya

Speaker_UPLA गांधी कहता था कि यदि कोई तुम्हारे एक गाल पर थप्पड़ मारे तो दूसरा हाल भी उसके आगे कर दो, यदि किसी ने एक माह तक ऐसा ही किया तब तो बेचारा थप्पड़ खा-खा के ही मर जायेगा।🤣 और रही बात स्वच्छता की तो क्या गांधी के पहले हमलोग अपने घरों/गलियों को स्वच्छ नहीं करते थें ?

Speaker_UPLA हजूर गांधी की तरह एक 'महीने जीने में घर तो क्या 'हवेली बिक जाएगी । एक 'बकरी अंगूर वाली दो बकरी 'कन्धे पर हाथ रखवाने वाली । ओर फिर 45 वीडियो 5 करोड़ की फिरौती । 🇮🇳 जय गोडसे ।

Speaker_UPLA मतलब आप भी नहीं जीते हो दूसरों से उम्मीद करतें हो 😀😀😀😀

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