नई दिल्ली: फांसी पर लटकाए जाने से पहले दोषियों ने फांसी से बचने के लिए अपने सभी कानूनी विकल्पों का पूरा इस्तेमाल किया, लेकिन निर्भया को आखिरकार इंसाफ मिला. दोषियों को फांसी से पहले मौत का डर इतना सताया कि वह पूरी रात नहीं सो सके. एनडीटीवी को मिली जानकारी के मुताबिक फांसी से पहले तिहाड़ के ज्यादातर कैदी समय से पहले जाग गए. चूंकि तिहाड़ के इतिहास में पहली बार बताकर चार दोषियों को फांसी हो रही है. समय और वक्त सब पहले से तय है, इसलिए बाकी कैदी भी सो नहीं पाए.
जेल को पहले लॉकडाउन किया गया. जेल अधिकारियों ने फांसी घर का जायज़ा लिया. सभी दोषियों को फांसी के बारे में बताया गया. निर्भया के चारों दोषी रात भर नहीं सोए. सभी दोषियों का मेडिकल चेकअप हुआ. फांसी होते हुए केवल 5 लोग ही देख पाएं. जिनमें जेल सुपरिटेंडेंट, डिप्टी सुपरिटेंडेंट, मेडिकल अफसर RMO और इलाके के मजिस्ट्रेट व एक अन्य स्टाफ शामिल हुए. इसके अलावा फांसी की सजा पाने वाला दोषी चाहे तो उसके धर्म का कोई भी नुमाइंदा जैसे पंडित या मौलवी भी मौजूद रह सकता है, पर ऐसा दोषियों ने कोई डिमांड नहीं की.
सभी दोषियों को लॉकअप से निकाला गया, सभी जेल नम्बर 3 की अलग-अलग सेल में बंद थे, इसी जेल में फांसी होनी थी. सभी दोषियों को जेल सुपरिटेडेंट और सुरक्षा स्टाफ फांसी घर की तरफ ले जाया गया और फांसी के तख्ते पर खड़े किए गए. साढ़े पांच बजे चारों दोषियों को फांसी दे दी गई. करीब 30 मिनट से ज्यादा तक चारों दोषियों के शव 12 फिट गहरे तख्ते पर लटके रहे. सभी 4 दोषियों के शवों के फांसी के तख्ते से उतारा गया और मेडिकल टीम ने शवों की जांच की. फिर शवों को दीन दयाल अस्पताल पोस्टमोर्टम के लिए भेज दिया गया.
टिप्पणियांबता दें कि दिल्ली में 16 दिसंबर 2012 को एक महिला के साथ हुए सामूहिक बलात्कार एवं हत्या के मामले के चारों दोषियों को शुक्रवार की सुबह साढ़े पांच बजे फांसी दे दी गई. जेल के महानिदेशक संदीप गोयल ने यह जानकारी दी. पूरे देश की आत्मा को झकझोर देने वाले इस मामले के चारों दोषियों... मुकेश सिंह , पवन गुप्ता , विनय शर्मा और अक्षय कुमार सिंह को सुबह साढ़े पांच बजे तिहाड़ जेल में फांसी दी गई. दक्षिण एशिया के सबसे बड़े जेल परिसर तिहाड़ जेल में पहली बार चार दोषियों को एक साथ फांसी दी गई.
चारों दोषियों ने फांसी से बचने के लिए अपने सभी कानूनी विकल्पों का पूरा इस्तेमाल किया और बृहस्पतिवार की रात तक इस मामले की सुनवाई चली. सामूहिक बलात्कार एवं हत्या के इस मामले के इन दोषियों को फांसी की सजा सुनाए जाने के बाद तीन बार सजा की तामील के लिए तारीखें तय हुईं लेकिन फांसी टलती गई. अंतत: आज सुबह चारों दोषियों को फांसी दे दी गई.
क्यू इनका महिमा मंडन कर रहे हो? , जो हुआ अच्छा हुआ इन को तो 5 साल पहले फाशी हो जाना चाहीये था ।
Ek baki
किसी को तो न्याय मिला वरना बाबू बजरंगी जैसे आज़ाद घूम रहे है
मौत का इन्हे तो सड़क पे गोली मारनी चाहिए थी ऐसी न्यानवेवस्था को ए पी सिंह ने हिला कर रख दिया दिल पे हाथ रख के पूछो कभी तुम्हरे घर की बेटी होती तो तुम क्या करते
कैसे सोएंगे भाई फांसी है। 😂 न्यूज़ वाले हो लगता नहीं
Who cares...there is no sympathy..they should have been hanged long ago. Wish the lawyers representing them should also be punished...need to know...who was financing these criminals and their lawyers to avoid justice
Thakur, Mishra, Gupta और Singh इन चारों बलात्कारी दरिंदों को आज सुबह फांसी पर लटका दिया गया. आज एक माँ को संविधान की वज़ह से न्याय मिला. दोषी के मनुवादी वकील ने चालें तो बहुत चली पर जीत सत्य की हुई. अब bjp के बलात्कारी नेता कुलदीप सेंगर को भी फांसी होनी चाहिए मैं_बहुत_खुश_हूँ
आपका रिपोर्टर वहा था?
Desh main itne bade ghinone kand hone k itne sare court ka chakkar laga laga ke jab finally insaf mila, tab bhi app ko dosiyon k liye sympathy paida karna hai, kabhi apne beti k sath aisa hoga tab samajh ayega, dusron k ghar min agg laga kar hath sekne walon, ghar tumhara v hai
सेगंर का गुनाह भी तो इन नरपिसाचों के बराबर ही था फिर उसे भी मुक्ति दो ! बहन इंसाफ देर से मिला पर आज सुकून मिला
रवीश कुमार और ndtv बेचैन थे कि नही
ये तो जुर्म करने से पहले सोचना था ।
इंसाफ़ बाक़ी है
I can understand your pain, india..whatever is for india u never like it..u have sympathies with these hardcore criminals, shame on u..
Celebrating death! The great Indian culture!!
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