इसके बाद ट्विटर पर कई लोगों ने उनकी आलोचना करनी शुरू कर दी. अली के साथी क्रिकेटर जोफ़्रा आर्चर ने लिखा, “क्या आप ठीक हैं, मुझे नहीं लगता आप ठीक हैं.”
उन्होंने लिखा, “मुझसे नफ़रत करने वाले जानते हैं कि मोईन अली से जुड़ा ट्वीट एक व्यंग्य था, लेकिन उन्होंने इसका मुद्दा बनाया ताकि मुझे अपमानित किया जा सके क्योंकि मैं मुस्लिम समाज को धर्मनिरपेक्ष बनाने की कोशिश करती हूँ और इस्लामिक कट्टरता का विरोध करती हूँ. इंसानियत की सबसे बड़ी त्रासदी है कि महिला समर्थक लेफ़्टिस्ट, महिला विरोधी इस्लामिस्ट का समर्थन करते हैं.”तस्लीमा के इस बयान पर भी इंग्लैंड के खिलाड़ियों ने विरोध जताया. जोफ्रा आर्चर ने लिखा, “व्यंग्य? इसपर कोई नहीं हंस रहा, आप ख़ुद भी नहीं.
में लिखा कि उन्हें विश्वास नहीं हो रहा कि इतने सारे लोगों के बीच तस्लीमा ने अपने एजेंडे के लिए उनके बेटे को चुना. मुनीर ने बिना नाम लिए बताया कि एक कोच ने उन्हें सिर्फ़ इसलिए एक भी मैच में खेलने नहीं दिया था, क्योंकि मोईन ने उनके कहने पर दाढ़ी हटाने से इनकार कर दिया था.साल 2014 में भारत के ख़िलाफ़ एक टेस्ट मैच में मोईन हाथ पर एक पट्टी बांध कर उतरे थे, जिसपर लिखा था ‘सेव ग़ज़ा’ और ‘फ़्री फ़लस्तीन.’ हालाँकि मैच रेफ़री डेविड बून ने आईसीसी के नियमों का हवाला देते हुए उन्हें वो बैंड हटाने के लिए कहा था. उस वक़्त इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड ने मोईन का समर्थन किया था.
भारत ने टूर्नामेंट से हट जाने तक की धमकी दे डाली दी और बाद में हरभजन पर से भी आरोप हटा लिए गए. 2019 में 24 साल के युवा खिलाड़ी जोफ़रा आर्चर को न्यूज़ीलैंड में एक दर्शक की ओर से बहुत ख़राब नस्लीय टिप्पणियों का सामना करना पड़ा था.मैच के बाद आर्चर ने कहा था कि अगर आप मेरी गेंदबाज़ी को बुरा कहते हैं, तो मैं सुन लूँगा लेकिन नस्लवादी टिप्पणियाँ देना बहुत शर्मनाक है. मोईन अली ने आरोप लगाया था कि ऑस्ट्रलियाई खिलाड़ी ने उन्हें ओसामा कहा था.
Ye Tasleema Nasreen hai kaun? Bhagodi iske bat ka kya value . Valueless
Agar gai ki khal ka joota pahnne ko bola jaye to kya hamare hindu player inkar nahi karenge .bilkul karna chahye.
भक्तो को तो बिरयानी मिल गई आज
No doubt in Tasleema tweet..
तसलीमा नसरीन ने मोइन अली के बारे में बिलकुल सही लिखा है। नकली ऐजेंडा चलाने वालों से उन्हें डरने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कट्टरपंथियों का अत्याचार झेला है। और निश्चित रूप से मोइन अली जैसे लोग अपने हुलिया से इस्लामिक कट्टरपंथ को बढ़ावा देते हैं।
This woman is totally mental
वापस u के भेजो
Taslima khud Muslim country men rehthi hai,,Bangladesh musalman dikhayi nahi detha kya?
क्रिकेट जेंटलमैन का खेल माना जाता था लेकिन अब कुछ दाँढा वाले इसको भी कट्टरता के तरफ़ धकेल रहे है अगर समय रहते इसको क़ाबू नहीं किया गया तो खेल का खेला हो जाएगा तसलीमा ने जो कहा वो १०० परसेंट सही कहा
ऐसे मुद्दे कई लोगों की रोज़ी-रोटी चला रहे हैं !
तो फिर उस हिसाब से उसे कोठे पर होना चाहिए था 😂
First, she has FREEDOM OF EXPRESSION. Second, this is the perception of a common person in the world. Third, why mostly people are only islamophobic? Ali should work as a progressive Muslim to improve the image of his community . taslimanasreen islam taslimanasreen
तस्लीमा के लिए
i agree taslima nasreen she is real muslim.
Islamoophobia आज के टाइम में उतना ही सही है जितनी स्वरा भास्कर की एक्टिंग
Hahahaha.....shameful as usual
बड़ा आसान है इस दौर में शोहरत पाना अपने किरदार की पसती में उतर जाना दानिश
Islamophobia within Islamomophobists...😜😜😁😁😁😁😁
इसका हमेशा का है, पहले बोल देती है, फिर डर जाती है. taslimanasreen
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