मेडिकल संस्थानों की कमी छात्रों को विदेश जाने के लिए मजबूर करती है: दिल्ली हाईकोर्ट

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मेडिकल संस्थानों की कमी छात्रों को विदेश जाने के लिए मजबूर करती है: दिल्ली हाईकोर्ट DelhiHighCourt Education MedicalEducation MedicalInstitutions दिल्लीहाईकोर्ट शिक्षा चिकित्साशिक्षा

दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा है कि आकांक्षी छात्रों को गुणवत्तापूर्ण सस्ती शिक्षा प्रदान करने वाले पर्याप्त मेडिकल संस्थानों की कमी के कारण ही वे स्वदेश छोड़ने और विदेशों में अध्ययन करने के लिए मजबूर होते हैं.

जस्टिस रेखा पल्ली ने मंगलवार को पारित 41 पृष्ठों के फैसले में कहा, ‘मैं इस तथ्य पर गौर किए बिना नहीं रह सकती कि आकांक्षी छात्रों की जरूरतों को पूरा करने के लिए गुणवत्तापूर्ण सस्ती शिक्षा प्रदान करने वाले चिकित्सा संस्थानों की पर्याप्त संख्या की कमी के कारण, वे अक्सर अपने देश छोड़ने का विकल्प चुनने के लिए मजबूर होते हैं और विदेश में अपनी पढ़ाई कर रहे हैं.’

अदालत ने कहा, ‘ऐसे समय में जब देश की जनसंख्या के साथ चिकित्सा पेशे का अनुपात बहुत कम है, स्नातकोत्तर और स्नातक सीटों की संख्या में वृद्धि निश्चित रूप से देश के चिकित्सा बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के बड़े लक्ष्य में योगदान देगी.’ अदालत ने आयोग और अन्य प्राधिकारियों को निर्देश दिया कि संस्थान को एमएस में सीटों को 4 से बढ़ाकर 7 करने, एमएस में 3 से 7 और एमबीबीएस कोर्स में 100 से बढ़ाकर 150 करने की अनुमति दी जाए.

याचिका में एनएमसी द्वारा जारी किए गए अस्वीकृति पत्रों को चुनौती दी गई थी, जिसमें बैचलर ऑफ मेडिसिन एंड बैचलर ऑफ सर्जरी पाठ्यक्रम और एमएस और एमएस स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में संस्थान में सीटों की वृद्धि के लिए याचिकाकर्ताओं का अनुरोध खारिज कर दिया गया था.के मुताबिक, इसने अधिकारियों के एक अन्य आदेश को भी चुनौती दी थी, जिसमें 100 एमबीबीएस सीटों के लिए कॉलेज की मौजूदा मान्यता को जारी रखने के लिए अंतरिम निरीक्षण का निर्देश दिया गया था.

 

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भारत में ज्यादातर मेडिकल कॉलेज बहुत फीस लेते हैं इस लिए लोक विदेश में जाते हैं यहां फीस कम करने की जरूरत है

देश के बीस करोड़ व्यक्ति प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से सहारा,PACL, साई प्रसाद जैसी चिटफंड कंपनियों से पीड़ित है मोदी जी शायद नही चाहते कि जनता का भुगतान हो। प्रधानमंत्री के हाथों में देश की कमान है। देश की जनता रो रही है आज जो सत्ता में है जनता के दुख को समझे और भुगतान करवाये।

Mandir to bana rahi he na 😂😂

कमी के पहले ऊंची फीस।

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