उइगर मुसलमानों के मुद्दे पर चीन और तुर्की में तनातनी होती नजर आ रही है. तुर्की ने चीनी राजदूत को तलब किया है. चीनी दूतावास ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर से कहा था कि वो तुर्की के उन दो नेताओं के खिलाफ एक्शन लें जिन्होंने उगइर मुसलमानों के साथ बर्ताव को लेकर चीन की आलोचना की थी. तुर्की के विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि चीनी दूतावास के राजदूत को मंगलवार को बुलाया गया था. हालांकि अधिकारी ने विस्तृत जानकारी नहीं दी.
असल में, तुर्की के इन दोनों नेताओं ने 1990 में विद्रोह के दौरान चीन में उइगर मुसलमानों की हत्या को लेकर एक पोस्ट किया था जिसके बाद चीनी दूतावास ने फिर उलट कर इन दोनों को टैग करते हुए पलटवार में ट्वीट किया था. चीनी दूतावास का कहना था कि जो भी चीन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को चुनौती देता है तो चीन उसका दृढ़ता से मुकाबला करेगा. उसकी निंदा करेगा. इससे पहले, पिछले साल तुर्की के विदेश मंत्रालय ने कहा था कि तुर्की चीन के शिनजियांग प्रांत में मानवाधिकार हनन को लेकर चिंतित है.
China ka koi kuch nahi bigar sakta...Bcs..Waha koi opposition nahi.hai...That's the power of China...
किसी इस्लामिक देश की औकात नही कि चीन से खानापूर्ति के अलावा कुछ बोल सके क्योकि उन्हे पता है कि ये हमसे भी बड़े वाले है
अब पाकिस्तान को बीच बचाव करना पड़ेगा । चलो कुछ तो भाव मिलेगा
ये तो होना ही था!😋
china ka koi kuch nahi bigad sakata..Turkey kounase khet ki mooli hai
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