मायावती को प्रधानमंत्री बनवाने के सवाल पर अखिलेश ने दिया ये जवाब– News18 हिंदी

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मायावती को प्रधानमंत्री बनवाने के सवाल पर अखिलेश ने दिया ये जवाब

 

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एक देशभक्त को रोकने के लिए सारे देशद्रोही एक हो गए है फिर भी कुछ बिगाड़ नही पाएंगे देश की जनता मोदी जी के साथ है

महाभारत काल में जब द्रौपती का चीर हरण हुआ उस समय द्रौपती ने प्रतिज्ञा ली थी मैं केशों को जबतक खुला रखूंगी चीरहरण करने वालो का नाश नही हो जाता सिर्फ सत्ता सुख के लिए आज कलयुग की द्रौपती चीर हरण करने वाले के साथ जा बैठी 😋😋😋🤔

ये ठगबंधन नहीं तो और क्या है?

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भतीजे को लॉन्च करेंगी मायावती, कहा- विरोधियों को कांशीराम स्टाइल में दूंगी जवाब– News18 हिंदीबसपा सुप्रीमो मायावती ने गुरुवार को अपने भतीजे आकाश आनंद को लेकर बड़ा ऐलान किया है. मायावती ने अपने जन्मदिन के मौके पर यूपी में कई जगह केक को लेकर मची छीना झपटी की कवरेज को लेकर मीडिया को आड़े हाथों लिया. यही नहीं सपा बसपा गठबंधन के ऐलान और जन्मदिन के मौके पर अपने साथ भतीजे आकाश आनंद के खड़े होने और उस पर कयास लगाने वाली खबरों पर मीडिया को आड़े हाथों लिया. BSP4India मतलब जैसे मुलायम के होटल में कांड कराया था तुम्हारे साथ तुम सपा के साथ करोगी क्या ? BSP4India जो मर्जी करते रहे ,लेकिन मरियादा तोड़ी तो रामजी छोड़ेंगे नही । रामजी को सिर्फ मरियादा पसंद है यदि विरोध होगा तो राम बान छुटेगा। BSP4India Ab Ka kya MATLAB pahle konsi maryadit or shaleenta ya tyaag ki murti rahi ho?
स्रोत: News18 India - 🏆 21. / 51 और पढो »

मायावती के जन्मदिन पर गठबंधन की राजनीति UP: Alliance politics on Mayawati's birthday - India AajTakबहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती आज (मंगलवार) अपना 63वां जन्मदिन मना रही हैं. इस खास मौके पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, मायावती को बधाई देने उनके आवास पहुंचे. मायावती ने जन्मदिन के मौके पर कहा कि हमारे गठबंधन से विरोधियों की नींद उड़ी हुई है.  बसपा और सपा के लोग साथ मिलकर काम करें.  बीजेपी को हराने के लिए निजी स्वार्थ को भुला आगे बढ़ना होगा. इसके अलावा मायावती ने कहा कि  पुराने मतभेद भुलाकर आगामी लोकसभा चुनाव में इन पार्टियों के गठबंधन के प्रत्याशियों को जिताने की अपील की. केंद्र सरकार के नोटबंदी और जीएसटी के फैसले की वजह से और भी दयनीय स्थिति हो गई है.  इसका असर देश की अर्थव्यवस्था पर काफी पड़ा है.  इन सभी से लाभ देश के धन्नासेठों को हुआ. Akhilesh wearing red cap is very irritating even his spokesperson are wearing red cap while on a debate or in parliament अखिलेश ने मायावती के फाडे हुये कपड़े वापस लौटाए जे भी तो वताओ ।ये होता है शिष्टाचार 😂🤣 एक दलित के नाम पर वोट मांगेगी एक यादव के नाम पर वोट मांगेगा , फिर उस वोट को कांग्रेस को बेच देंगे और अपनी जिंदगी ऐश से जिएंगे🙄
स्रोत: AajTak - 🏆 5. / 63 और पढो »

दंगल: मुसलमान वोटों को बिखरने से रोक लेंगी मायावती? Dangal: On birthday, Mayawati pitches for Muslim reservation - Dangal AajTakबीएसपी की मुखिया मायावती ने अपने जन्मदिन पर रिटर्न गिफ्ट में अपने कार्यकर्ताओं से लोकसभा चुनाव में जीत का तोहफा मांगा है. आज ही मायावती का जन्मदिन है, जिसके केक काटे जाने की झलकियां आप अभी अभी देख ही चुके हैं. लेकिन मुस्लिम वोटरों के लिए रिटर्न गिफ्ट का ऐलान मायावती ने आज ही कर दिया है. मायावती ने आज बर्थडे प्रेस कांफ्रेंस में, मुसलमानों के लिए आर्थिक आधार पर अलग से आरक्षण की मांग कर दी है.  लेकिन हाल ही में मोदी सरकार ने गरीब सवर्णों के लिए जो दस प्रतिशत आरक्षण देने का ऐलान किया है. उसमें मुसलमानों समेत सभी अल्पसंख्यकों को भी शामिल किया गया है. फिर मायावती मुसलमानों के लिए अलग से आरक्षण क्यों चाहती हैं ? क्या ये हाथी के दिखाने के दांत हैं ? या मुसलमान वोट बैंक को सहेजने की बीएसपी की रणनीति? आज का दंगल इसी पर होगा. कि क्या दलित.  मुस्लिम गठजोड़ के सहारे मोदी को हरा पाएंगे मायावती और अखिलेश यादव? sardanarohit लेकिन बिकाऊ मीडिया की तो रोज़ी-रोटी ही पिछले ४ सालों से मुसलमानों पर चल रही है sardanarohit कडवा है पर सच है हिन्दू हो या मुसलिम सब को राज नेता आसानी से बेवकूफ बना सकते है सीख और इसाई बहुत हुसियार है इस लिये चुनाव मे हिन्दू और मुसलमान कि याद ज्यादाआती है sardanarohit Correct sari party ko
स्रोत: AajTak - 🏆 5. / 63 और पढो »

गठबंधन पर पोस्टरः मायावती को दिखाया- रानी लक्ष्मीबाई, अखिलेश को बताया- टीपू सुल्तानसमाजवादी पार्टी के आफताब अहमद की ओर से जारी कराए गए इस पोस्टर पर यह नारा लिखा था, 'बसपा व सपा आई है। नई क्रांति लाई है।'
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हिंदू नेताओं के कत्ल के लिए आतंकियों को फंडिंग करने के आरोपी जग्गी जौहल को जमानतFaridkot Court accepted bail for NRI Jaggi Jauhal in terror funding case | बाजाखाना में मामला दर्ज किए जाने के बाद नवंबर 2017 में गिरफ्तार किया गया था जग्गी को गिरफ्तारी के बाद भारत से ब्रिटेन तक राजनेताओं और कलाकारों ने लगाए थे जग्गी को प्रताड़ित करने के आरोप ब्रिटेन के तत्कालीन सांसद ने ट्वीट में किया था मामले पर चुप्पी साधने को लेकर मिल रही धमकियाें का खुलासा
स्रोत: Dainik Bhaskar - 🏆 19. / 51 और पढो »

आकाश आनंद को राजनीति के गुर सीखा रहीं बसपा सुप्रीमो मायावती, दे सकती हैं बड़ी जिम्मेदारीमायावती आजकल अपने भतीजे आकाश आनंद को राजनीति के गुर सिखा रहीं हैं. आकाश मायावती के छोटे भाई आनंद के बेटे हैं और विदेश से पढ़ाई करके लौटे हैं.आमतौर पर अपने परिवार के लोगों को राजनीति से दूर रखने वाली मायावती इन दिनों आकाश के साथ कई जगह दिख चुकीं हैं.लखनऊ में बसपा सुप्रीमो के जन्मदिन के कार्यक्रम के दौरान आकाश लगातार उनके साथ थे. जो चाहे सोचो? ये तुम्हारा हक़ अधिकार है√√√ यही है चीनी मिलो के मालिक। 1 लाख के जूते पहनते है पर है तो दलित
स्रोत: AajTak - 🏆 5. / 63 और पढो »

अखिलेश-मायावती के गठबंधन के बाद क्या UP के मुसलमान रोकेंगे PM मोदी का विजय रथ?लोकसभा चुनाव 2019 से पहले उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी एक साथ आ गए हैं. दोनों पार्टियों की नजर दलित, ओबीसी और खात तौर पर मुस्लिमों वोटों पर है. यूपी में 19.5 फीसदी मुस्लिम वोटर हैं. इससे पहले इनका वोट सपा और बसपा में बंट जाता था. इसका फायदा बीजेपी को मिलता था. NDTV is much better news channel. Do watch कुछ - सपा को कुछ - बसपा को कुछ - कांग्रेस को □□□□□□□□□□□□□ भाजपा 80×80 ♥ ♥ ~ ~ ~ ~ ~ हरिओम !!! Walllah Habibi hum h na unke liye kafiro..... Inshallah..
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2019 : पाठ दोबिना किसी बड़े आंदोलन, सड़कों पर विरोध प्रदर्शन के भारतीय संसद ने सामान्य वर्ग के लोगों के लिए आर्थिक आधार पर दस फीसद आरक्षण के विधेयक को पास कर दिया। इस ऐतिहासिक फैसले का ठीकरा फोड़ा गया तीन राज्यों में भाजपा की हार पर, लेकिन राजद और दक्षिण भारत के कुछ दल छोड़ सभी इस फैसले के साथ खड़े हुए। वह कांग्रेस भी साथ थी, जिसे हिंदी के तीन हृदय प्रदेशों में जीत मिली थी। माकपा जैसे वाम दल ने संसद में इस आरक्षण को वोट दे बाहर आकर बस अलग सा प्रेस नोट ही जारी किया। विरोध के दो ही बिंदु एक तो ऐन लोकसभा चुनाव और शीतकालीन सत्र के अंतिम समय में इसे लाने की अवधि और गरीबी के दायरे में आने वाली आठ लाख से कम सालाना आमदनी की सीमा है। आम चुनावों के पहले साल के दूसरे हफ्ते का पाठ यही है कि रोजगार का संकट सब समझ रहे और समाधान किसी के पास नहीं। समस्या और समाधान के बीच आरक्षण के मरहम पर बेबाक बोल।
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उत्तर प्रदेश: दोबारा ऐतिहासिक जनादेश हासिल करने साथ आई सपा-बसपाउत्तर प्रदेश में सपा-बसपा, कांग्रेस से गठबंधन नहीं चाहते, या कांग्रेस अकेले लड़ना चाहती है, इस पर बहस जारी है। लखनऊ में सपा-बसपा की साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस, तस्वीरों में एक साथ मौजूद आंबेडकर और लोहिया की तस्वीर के बाद दिल्ली दरबार का पूरा विमर्श बदल गया। उत्तर प्रदेश वह प्रयोगशाला है, जहां कांशीराम और मुलायम की लहर में भी गोरखपुर की सीट भाजपा के पास थी। इसके उलट जब बसपा को शून्य पर टिका और सपा को पारिवारिक सदस्यों के बीच सिमटा दिया गया था तब गोरखपुर अलग ही राजनीतिक मोड़ लेता है। 2014 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश ने जो ऐतिहासिक जनादेश दिया था आज उससे उबरने के लिए सपा और बसपा साथ हैं। इस सूबे की राजनीति, केंद्र की भी राजनीति है। लोहिया-आंबेडकर की तस्वीरों को साथ रख इस समीकरण का उद्देश्य है अपने-अपने वोट बैंक को साध ज्यादा से ज्यादा सीटें हासिल करना। केंद्र की राजनीति में सपा-बसपा के अंक मजबूत हों, इसलिए जरूरी है कि कांग्रेस का गणित बिगड़ जाए। संसद में आर्थिक आधार पर दस फीसद आरक्षण पर साथ-साथ चलने के बाद ये दोनों दल अपने-अपने वोट बैंक के पास उसी ‘पहचान’ के साथ लौट आए हैं जो इनकी बुनियाद हैं। बुनियादी विरोधाभासों के साथ वोट बैंक की ऊंची इमारत पर बैठे दोनों दलों की साझीदारी से निकले पाठ पर इस बार का बेबाक बोल।
स्रोत: Jansatta - 🏆 4. / 63 और पढो »