मां और बच्चे की सुरक्षा का जिम्मा लेती सरकार: मातृ मृत्यु दर में आई गिरावट, 2030 तक और कमी लाने की तरफ बढ़ी देश की हेल्थ मशीनरी, जानें अन्य देशों की हालत

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मां और बच्चे की सुरक्षा का जिम्मा लेती सरकार: मातृ मृत्यु दर में आई गिरावट, 2030 तक और कमी लाने की तरफ बढ़ी देश की हेल्थ मशीनरी, जानें अन्य देशों की हालत women maternalmortality

Maternal Mortality Rate Declines, The Country's Health Machinery Moves Towards Reducing It Further By 2030, Know The Condition Of Other Countriesमातृ मृत्यु दर में आई गिरावट, 2030 तक और कमी लाने की तरफ बढ़ी देश की हेल्थ मशीनरी, जानें अन्य देशों की हालतभारत का मेटरनल मोर्टेलिटी रेट 2017-19 के लिए बेहतर होकर 103 पर पहुंच गया है। यह प्रति लाख जन्म दर के आधार पर सुनिश्चित किया जाता है। भारत का उद्देश्य 2030 तक इस दर को और बेहतर कर न्यूनतम करना है। वर्तमान में न्यूनतम जच्चा-बच्चा मौत का वैश्विक...

सरकारें देश में बेहतरीन स्वास्थ्य योजनाओं को कार्यान्वित कर जच्चा और बच्चा दोनों को बचाने की तरफ कदम बढ़ा रही हैं। बता दें कि किसी भी देश के हेल्थ इंडेक्स में मातृ मृत्यु दर यानी जच्चा-बच्चा मौत का अनुपात एक बेहद महत्वपूर्ण मानक है। भारत निरंतर इस पक्ष में बेहतर करने का प्रयास कर रहा है। 2015-17 के सालों में जन्म के समय मांओं की मृत्यु का यह आंकड़ा प्रति लाख पर 122 था। निरंतर कोशिशों ने इसे बाद के दो सालों में बेहतर और मांओं के स्वास्थ्य के प्रति अधिक सजग बनाया ।प्रसवकाल में मां और बच्चे की सुरक्षा और प्रसव के बाद मां के स्वास्थ्य पर ध्यान देने के लिए निरंतर चल रही सरकारी योजनाओं ने न केवल बच्चों के बेहतर...

यह दर 1990 में 556 थी और 2004-06 में 254 थी। उत्तर प्रदेश, राजस्थान और बिहार में यह बेहतरी सबसे अधिक दर्ज की गई है। 2016-18 में इन राज्यों में प्रति लाख पर यह दर क्रमशः 30, 23 और 19 अंक घटी है।कई विकसित देशों में मातृ मृत्यु दर इकाई के अंक में ही सिमटी हुई है। इटली, नॉर्वे, पोलैंड और बेलारूस जैसे देशों में यह दर 2 से भी कम हैं। जबकि जर्मनी और यूके में यह 7 है। कनाडा में 10 और संयुक्त राज्य अमेरिका में 19 है। जहां तक बात भारत के पड़ोसी देशों की है तो नेपाल , बांग्लादेश , और पाकिस्तान में एमएमआर...

 

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