नोबेल पुरस्कार से सम्मानित भारतीय मूल के अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी ने कहा है कि कोरोना से उपजे संकट के दौर में अर्थव्यवस्था में मांग बढ़ाने के लिए लोगों के हाथ में सीधे पैसा पहुंचाना होगा. उन्होंने कहा कि अमेरिका ने ऐसा किया है तो हम भी कर सकते हैं. कांग्रेस नेता राहुल गांधी के साथ एक संवाद में उन्होंने यह बात कही.
इस संवाद का मंगलवार को कांग्रेस के सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रसारण किया गया. बैनर्जी ने कहा, 'बड़ी चिंता यह है कि क्या अर्थव्यवस्था उबरेगी, और खासतौर से जिस तरह यह बीमारी समय ले रही है और जो प्रक्रियाएं अपनाई जा रही हैं उसमें. मेरा मानना है कि हमें आशावादी होना चाहिए कि देश की आर्थिक स्थिति सुधरेगी, बस यह है कि सही फैसले लिए जाएं.उन्होंने कहा, 'मांग में कमी का मसला है. दो चिंताएं हैं, पहली कि कैसे दिवालिया होने की चेन को टालें, कर्जमाफी एक तरीका हो सकता है, जैसा कि आपने कहा.
इसके जवाब में डॉ बनर्जी ने कहा,' यही कारण है कि हम जैसे लोग कहते हैं कि प्रोत्साहन पैकेज दिया जाए. अमेरिका यही कर रहा है, जापान- यूरोप यही कर रहे हैं. हमने अभी तक इस बारे में कुछ फैसला नहीं किया है. हम अभी भी सिर्फ जीडीपी के 1% की बात कर रहे हैं. अमेरिका ने जीडीपी के 10% के बराबर पैकेज दिया है.बनर्जी ने कहा कि आगे यह साफ नहीं है कि क्या सिर्फ एमएसएमई को ही लक्ष्य बनाना सही रहेगा. जरूरत तो मांग बढ़ाने की है.
उन्होंने कहा, 'संकट से पहले से मैं यही कह रहा हूं कि मांग की समस्या हमारे सामने है और अब तो यह और बड़ी समस्या हो गई है, क्योंकि यह असाधारण है. मेरे पास पैसा नहीं है, मैं खरीदारी नहीं करूंगा क्योंकि मेरी तो दुकान बंद हो चुकी है और मेरी दुकान बंद हो चुकी है तो मैं आपसे भी कुछ नहीं खरीदूंगा.उन्होंने कहा, 'मैं नहीं चाहता की हम मदद से पहले हर किसी की योग्यता देखें कि वह पात्र है कि नहीं.
I have loose my faith on Nobel prize.
राहु खान के पूर्वज कमा कर कितना रख गए है ये भी पूछ लो ।
mhdlrangrej लो इतने महान अर्थशास्त्री और खुद की पार्टी के पूर्व प्रधानमंत्री पर भी कांग्रेस को भरोसा नहीं .. तो क्या सिर्फ लूट मचाने के लिए सरदारजी को 10 साल प्रधान मंत्री बना कर रखा था कांग्रेस ने ..
ऐसा ज्ञान तो मैं भी दे सकता हूँ, पर सरकार को पैसा कहा से मिलेगा ?ये बात स्पष्ट करना चाहिए
Chutiya
Jo khud maang raha hoo,wo kya dega wo to bheekhari hai.sirf lena aata hai.
इस बात के लिए इन्हें नोबल दिया गया है ये बात तो सड़क पर। रहने वाला भी जानता है हां अब यह होगा कि abhijeet aka rahul एक नई पहचान
संवाद की गप सप ?
I will be damned to chose RahulGandhi to discuss economics. AbhijitBanerjeenobelprisewinner
अभिजीत जी आप हर बारे में तो भारत के बारे में हस्तक्षेपल देते हैं लेकिन सोने का इतना रेट क्यों बढ़ रहा है आप बताएंगे कौन खरीद रहा है जब लाख डाउन नहीं था तब सोने में डाउन था फिर जब लाख डाउन बड़ा कितना रेट क्यों बढ़ रहा है इसके बारे में आप कुछ बोलेंगे कि मुंह में दही जमा हुआ है
हर भारतीय को एक करोड दे दो,अर्थव्यवस्था अपने आप सुधर जाएगी।गली का रहने वाला कबट वाला भी ये ज्ञान रखता है।इसमें अर्थशास्त्रियों को पूछने की क्या जरूरत है।न कोई भूखे मरेगा और न कोई बेरोजगार होगा।जो अर्थशास्त्री फ्री पैसे देने की बात कर रहे है वो सबसे बड़े अर्थव्यवस्था के दुश्मन है।
Rahul ji बहुत दिन हो गये शायद हंसना ही भूल गया हूँ आपका आभार जो आपने हम जैसे घरबंदियो के मनोरंजन का ख्याल रखा
RahulGandhi कांग्रेस युवराज पहले कांग्रेस शासित राज्यों में कर के तो दिखाए या सारा ज्ञान मीडिया चैनलों तक ही सीमित रहेगा।हर महीनों 6000 रुपए देने का सलाह इन्ही दो इकोनोमिस्ट ने किया था उस पर काँग्रेस ने कितना अमल किया कांग्रेस शाषित राज्यों में ये भी बताये लोगों को न्याय कब ?
I will be dammed to chose RahulGandhi to discuss economics. AbhijitBanerjeenobelprisewinner
Wine pine keliye....
पूरा चरित्र ही फर्जी है और इनको भारत का बागडोर चाहिए । मोहतरमा भारत के लोग जाग चुके है । इस्लामी आतंकवादीयो और उनके समर्थको से सावधान!
कांग्रेसियों ने इतनी गम्भीर चर्चाएं पहले अर्थशास्त्रियों की होती तो 70 वर्षो से लगातार गरीबी हटाओ का नारा न लगाना पड़ता।जितना अब खुद की गरीबी दूर करने के लिए कर रहे है।अब शायद भ्रष्टाचार करने के अधिक से अधिक तरीके सीख रहे है।
❤
🤣🤣🤣🤣चले अच्छा है थोड़ा टाईमपास भी होगा लॉकडाऊन के समय में।
ये नोबेल धारी अर्थशास्त्री जिस देश में रहते हैं ,जिस देश का खाते हैं ..वहां की सरकार इन तथाकथित अर्थशास्त्रियों की सेवाओं का लाभ क्यों नहीं उठाती ..?
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