नई दिल्ली: महिलाओं को एनडीए की परीक्षा में शामिल नहीं होने देने पर सुप्रीम कोर्ट ने सेना को फटकार लगाई. सेना के यह कहने पर कि यह एक नीतिगत निर्णय है, शीर्ष अदालत का कहना है कि यह नीतिगत निर्णय"लिंग भेदभाव" पर आधारित है. इस बात की जानकारी न्यूज एजेंसी ANI ने ट्वीट करते हुए दी. बता दें, सुप्रीम कोर्ट ने आज महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है. जिसमें उन्होंने कहा कि महिलाएं राष्ट्रीय रक्षा अकादमी की परीक्षा में शामिल हो सकेंगी.
— ANI August 18, 2021Supreme Court orders allowing women to take the National Defence Academy exam scheduled for September 5th. The Apex Court says that admissions will be subject to the final orders of the court pic.twitter.com/8YVgaxz5O8 बता दें कि परीक्षा राष्ट्रीय रक्षा अकादमी और नौसेना अकादमी में एडमिशन के लिए आयोजित की जाती है और यह परीक्षा वर्ष में दो बार अप्रैल और सितंबर में आयोजित होती है.
ऐसा ही तो होता आया है हमेशा, पहले सबको अवसर नहीं दिये जाते और फिर खुद को श्रेष्ठ बतातेहैं सभी वंचित लोगों के साथभी सदियों से यही होता चला आ रहाहै अर्जुन को श्रेष्ठ बनाने के लिये एकलव्य का अँगूठा काटागया ऐसे ही अभीभी बहुत से लोग येन केन प्रकारेण लोगों को समान अवसर नहीं मिलने देते
Why not we admit that women & men are two biologically different humen, even one is not inferior than others.
सुप्रीम कोर्ट से पहले साहब ने जजमेंट दे दिया था ।
जाहिलों भाषा में थोड़ा सुधार करो, देश की सेना के बारे में कुछ भी लिखते समय शब्दों की मर्यादा रखें, जानवर न बने
MNSforBOYS is a demand for boys they are also facing major gender discrimination we are also a part of society. Because of these things, women and girls like LUCKNOW GIRL are taking advantage of these laws and leniency
MNSFORBOYS
ऐसा ना होकि , कभी यह बोल दिया जाए कि लड़का भी बचा पैदा करे!
Abe chutiye Rndtv.. Sena ko badnaam kyu kr rha.. dikha kha sena ko latada hai..
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