महाशय धर्मपाल का जन्म 27 मार्च, 1923 को सियालकोट में हुआ था. साल 1933 में, उन्होंने 5वीं कक्षा की पढ़ाई पूरी करने से पहले ही स्कूल छोड़ दी थी. साल 1937 में, उन्होंने अपने पिता की मदद से व्यापार शुरू किया और उसके बाद साबुन, बढ़ई, कपड़ा, हार्डवेयर, चावल का व्यापार किया.हालांकि वो लंबे वक्त ये काम नहीं कर सके और उन्होंने अपने पिता के साथ व्यापार शुरू कर दिया. उन्होंने अपने पिता की 'महेशियां दी हट्टी' के नाम की दुकान में काम करना शुरू कर दिया. इसे देगी मिर्च वाले के नाम से जाना जाता था.
जल्द ही उनके परिवार के पास इतनी संपत्ति जमा हो गई कि दिल्ली के करोल बाग स्थित अजमल खां रोड पर मसाले की एक दुकान खोली जा सके. इस दुकान से ही वह लगातार आगे बढ़ते गये. आज उनकी भारत और दुबई में मसाले की 18 फैक्ट्रियां हैं. इन फैक्ट्रियों में तैयार एमडीएच मसाले दुनियाभर में पहुंचते हैं. एमडीएच के 62 प्रॉडक्ट्स हैं. कंपनी उत्तरी भारत के 80 प्रतिशत बाजार पर कब्जे का दावा करती है.व्यापार के साथ ही उन्होंने कई ऐसे काम भी किए हैं, जो समाज के लिए काफी मददगार साबित हुए.
अत्यंत दुख के साथ कि उनका स्वर्गवास हो गया है ओम शांति ओम शांति
Masala King sab nu yaad aa jo kisan andolan ch kisana di Death hoye OH modi nu disdi ne.
Om shati om. Ye hoti hai kamyabi.
निधन की खबर वाकई दुःखदाई है। भगवान उनकी आत्मा को शांति दें। पर उस समय के 1500 रुपये बहुत ज्यादा होते थे ।
Rip sir 🙏
Shat Shat Naman to the Great Business Man Masala king Mahashay Dharam Pal ji—A Great innings
उस वक्त के 15 रुपए आज के 50 लाख है
आज के 1500000
ॐ शान्ति🙏🏻
RIP sir.... U r really great person....
Os tym ₹1500 bhut hote thi
1500 in 1947 was like a couple of lakhs today... 😂
अत्यंत दुखद ईश्वर से प्रार्थना है कि उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें ॐ शांति
अंधे लोगो का गांव
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